5. चेतन शर्मा छोटे कद के गेंदबाज होने के बावजूद तेज गति से गेंदबाजी करते थे. आलोचकों का कहना था कि चेतन का करियर ज्यादा दिन नहीं चलेगा क्योंकि उनकी फिजिक तेज गेंदबाजी के अनुकूल नहीं है. इसके बावजूद चेतन पांच साल तक कपिल देव के सफल जोड़ीदार रहे. उन्होंने श्रीलंका, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के खिलाफ यादगार प्रदर्शन कर आलोचकों को गलत साबित किया.
B’DAY SPECIAL: वर्ल्ड कप की पहली हैट्रिक लेने के बावजूद बहुत ‘बदनाम’ है यह गेंदबाज
नई दिल्ली. किसी भी क्रिकेटर का सपना विश्व कप खेलना और उसे जीतना होता है. विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन कर वे स्टार बनते हैं. लेकिन एक गेंदबाज ऐसा भी है, जो विश्व कप में ड्रीम परफॉर्मेंस के बावजूद अपने देश के क्रिकेटप्रेमियों द्वारा हीरो की बजाय विलेन के तौर पर ज्यादा याद किया जाता है. हम बात कर रहे हैं तेज गेंदबाज चेतन शर्मा (Chetan Sharma) की. भारत के इस तेज गेंदबाज के नाम आईसीसी विश्व कप की पहली हैट्रिक दर्ज है. आज उनका जन्मदिन है. वे इन दिनों कॉमेंटेटर हैं.
चेतन शर्मा 3 जनवरी 1966 को लुधियाना में जन्मे थे. उन्होंने महज 18 साल की उम्र में डेब्यू किया और भारत को अहम जीत दिलाई. साल 1986 में भारत की इंग्लैंड में जीत के हीरो भी चेतन ही थे, जिन्होंने एजबेस्टन (Edgbaston) टेस्ट में 10 विकेट झटके थे. इसके एक साल बाद ही उन्होंने भारत में हुए विश्व कप में हैट्रिक ली और ऐसा करने वाले दुनिया के पहले गेंदबाज बने.
चेतन शर्मा वनडे क्रिकेट में शतक भी लगा चुके हैं. वे दुनिया के चुनिंदा क्रिकेटरों में से एक हैं, जिन्होंने वनडे क्रिकेट में शतक भी लगाया है और हैट्रिक भी ली है. इसके बावजूद जब भी चेतन शर्मा का जिक्र होता है तो सबसे पहले जावेद मियांदाद (Javed Miandad) का छक्का याद आता है, जो उन्होंने मैच की आखिरी गेंद पर लगाई थी.
वो 1986 के अप्रैल की 18 तारीख थी, जिस दिन ऑस्ट्रेलेशिया कप का फाइनल खेला गया. आमने-सामने भारत-पाकिस्तान थे. भारत ने पहले बैटिंग करते हुए सात विकेट पर 245 रन बनाए. इसके जवाब में पाकिस्तान 49.5 ओवर में 242 रन बना चुका था. पाकिस्तान को जीत के लिए मैच की आखिरी गेंद पर चार रन की जरूरत थी. गेंदबाजी का जिम्मा चेतन शर्मा पर था और पाकिस्तान की उम्मीदें जावेद मियांदाद पर, जो उस वक्त 110 रन बनाकर खेल रहे थे. मियांदाद, भारतीय उम्मीदों पर भारी पड़े. उन्होंने चेतन शर्मा की आखिरी गेंद पर जोरदार छक्का लगाया. पाकिस्तान को जीत मिली और चेतन शर्मा को ताउम्र ना धुलने वाला दाग…
चेतन शर्मा से जुड़ी 5 खास बातें:
1. चेतन शर्मा ने पहला टेस्ट 18 साल 288 दिन की उम्र में खेला था. वे उस वक्त सबसे कम उम्र में टेस्ट मैच खेलने वाले स्पेशलिस्ट तेज गेंदबाज बने थे. उनका यह रिकॉर्ड 23 साल बाद इशांत शर्मा ने तोड़ा. इशांत ने 2007 में अपना पहला टेस्ट 18 साल 265 दिन की उम्र में खेला था.
2. चेतन शर्मा ने 1986 में इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम में खेले गए टेस्ट मैच में 10 विकेट लिए थे. यह बर्मिंघम में किसी भी भारतीय गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था. उनका यह रिकॉर्ड आज भी नहीं टूटा है. चेतन ने पहली पारी में चार और दूसरी पारी में 10 विकेट लिए थे. मैच ड्रॉ रहा था.
3. चेतन शर्मा ने 1987 में खेले गए विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ हैट्रिक ली थी. उन्होंने इस मैच में केन रदरफोर्ड, इयान स्मिथ और इवान चैटफील्ड को लगातार तीन गेंदों में बोल्ड किया था. इस तरह वे विश्व कप में हैट्रिक लेने वाले पहले गेंदबाज बने थे. वे ऐसे पहले गेंदबाज भी हैं, जिन्होंने हैट्रिक में तीनों विकेट बोल्ड कर लिए.
4. चेतन शर्मा ने 1989 में इंग्लैंड के खिलाफ शतक भी लगाया था. 25 अक्टूबर को कानपुर में खेले गए वनडे मैच में इंग्लैंड ने सात विकेट पर 255 रन बनाए. इसके जवाब में भारत ने 48.1 ओवर में चार विकेट पर 259 रन बनाकर मैच जीत लिया. मैच के हीरो चेतन शर्मा रहे, जिन्होंने नंबर-4 पर बैटिंग करते हुए 101 रन की नाबाद पारी खेली.