जुलाई के इसी सप्ताह में सूर्य देव कर्क राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं. 16 जुलाई की रात को सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करेंगे. कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा हैं और सूर्य का चंद्रमा के घर में प्रवेश विभिन्न राशियों पर अलग-अलग प्रभाव डालता है. इस लेख में मीन राशि पर पड़ने वाले
सावन महीने को हिंदू धर्म में बेहद पवित्र महीना माना गया है. भगवान शिव की कृपा पाने के लिए यह महीना सर्वश्रेष्ठ है. 14 जुलाई 2022 से सावन मास शुरू हो रहा है. इसे श्रावण मास भी कहते हैं. भगवान शिव के इस प्रिय महीने में विधि-विधान से पूजा करना चाहिए. ऐसा करने से भोलेनाथ
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष में पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है, 13 जुलाई 2022 को गुरु पूजन का विधान है. जीवन में ज्ञान का साक्षात्कार करा के जीवन में सुख, संपन्नता, विवेक, सहिष्णुता की प्राप्ति गुरु की कृपा से ही होती है. इस दिन गुरु की वंदना और अभिवादन किया जाता है.
शनि इस समय कुंभ राशि में हैं और वक्री स्थिति में हैं. वक्री चाल चलते हुए अब शनि मकर राशि में प्रवेश करेंगे. कल यानी कि 12 जुलाई 2022 को वक्री शनि का मकर राशि में गोचर सभी 12 राशियों पर बड़ा असर डालेगा. इनमें से 5 राशि वालों के लिए यह समय विशेष तौर
ज्योतिष के अनुसार कुछ खास राशियों के लोग बेहद लकी होते हैं. इन लोगों को अपने जीवन में सारी चीजें आसानी से मिल जाती हैं. वे सुख-सुविधा पूर्ण जीवन जाते हैं. अपार धन-दौलत के मालिक बनते हैं और खूब ख्याति भी पाते हैं. कुल मिलाकर वे अपने जीवन पद-पैसा-प्रतिष्ठा सब कुछ पाते हैं. ये लोग
हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का पर्व विशेष महत्व रखता है. कहते हैं कि धरती पर गुरु ईश्वर समान होते हैं. आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. इस साल हुरु पूर्णिमा 13 जुलाई की पड़ रही है. इस साल गुरु पूर्णिमा पर त्रिग्रही योग सूर्य, बुध और शुक्र ग्रह
श्रावण मास शुरू होने में अब कुछ दिन ही बचे हैं, इस माह में भगवान मृत्युंजय यानी भोले शंकर की आराधना की जाती है. शिव जी भक्तों पर बहुत कृपालु होते हैं इसलिए उनकी पूजा अर्चना करने के भी बहुत से तरीके हैं. आज इस लेख में हम एक ऐसे महामंत्र के बारे में बताएंगे
नाम कमाने के लिए मेहनत करनी पड़ती है. लेकिन कुछ लोगों को यह सब आसानी से मिल जाता है तो कुछ लोग बहुत संघर्ष करके भी मनमाफिक पैसा नहीं कमा पाते हैं. इसके पीछे व्यक्ति की किस्मत का बड़ा योगदान होता है. यदि मेहनत करने के बाद भी आपको मनमाफिक पैसा नहीं मिल पा रहा
सावन मास को सभी हिंदू महीनों में सबसे ज्यादा पवित्र माना गया है. यह महीना भगवान शिव को समर्पित है. इसी महीने से संसार को चलाने वाले भगवान विष्णु 4 महीने के लिए निद्रालीन हो जाते हैं. तब भगवान शिव सृष्टि का संचालन संभालते हैं. सावन महीने में भोलेनाथ की पूजा का बहुत महत्व है.
धार्मिक ग्रंथों में हर दिन का विशेष महत्व बताया गया है. बुधवार का दिन प्रथम पूजनीय गणेश जी और मां दुर्गा को समर्पित है. मान्यता है कि बुधवार के दिन विधि-विधान से गणेश जी और मां दुर्गा की पूजा करने से व्यक्ति को आर्थिक और पारिवारिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है. साथ ही, व्यक्ति को
भारतीय संस्कृति में वास्तु शास्त्र का बहुत महत्व बताया गया है. वास्तु के अनुसार घर का निर्माण करने और चीजें रखने से परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक शक्तियां दूर भागती हैं. वास्तु में बताया गया है कि हमें घर के अंदर 3 चीजें भूलकर भी गलत दिशा में नहीं रखनी
अंक ज्योतिष में हर मूलांक के जातकों की विशेषताओं के बारे में बताया गया है. इन्हीं विशेषताओं के दम पर उनकी पर्सनालिटी आकार लेती है और काफी हद तक उनका भविष्य भी तय होता है. यही वजह है कि कुछ लोग आसानी से सफल हो जाते हैं, वहीं कुछ लोगों को सफलता के लिए बहुत
आषाढ़ अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या भी कहते हैं. इस दिन किसान अपने कृषि उपकरणों की पूजा करते हैं, साथ ही फसलों की बुवाई की शुरुआत करते हैं. इस साल आषाढ़ अमावस्या को लेकर संशय है कि यह 28 जून को है या 29 जून है. हिंदू पंचांग के मुताबिक आषाढ़ मास की अमावस्या यानी हलहारिणी
भगवान शिव का प्रिय महीना सावन 14 जुलाई से शुरू होने जा रहा है. इस महीने से ही चातुर्मास शुरू होता है. साल का यह समय पूजा-पाठ, तप-साधना के लिए सबसे ज्यादा महत्पवूर्ण माना गया है. इस महीने में भोलेनाथ की पूजा-अर्चना, अभिषेक करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस साल सावन का महीना
जीवन जीने का मकसद होना जरूरी है, वरना व्यक्ति दिशाहीन हो जाता है. अच्छे सफल-सुखी जीवन के लिए अच्छी आदतें और अच्छे कर्म करना जरूरी है. महान कूटनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और मार्गदर्शक आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में लिखा है कि हर व्यक्ति को अपने जीवन में कुछ अच्छे काम जरूर करना चाहिए, साथ
भगवान जगन्नाथ जी की द्वादश यात्राओं में गुंडिचा यात्रा सबसे मुख्य है. इसी गुंडिचा मंदिर में विश्वकर्मा जी ने भगवान जगन्नाथ, बलभद्र जी तथा सुभद्रा जी की दारु प्रतिमाएं बनाई थीं. महाराज इन्द्रद्युम्न ने इन्हीं मूर्तियों को प्रतिष्ठित किया था, इसीलिए गुंडिचा मंदिर को ब्रह्मलोक या जनकपुर भी कहते हैं. गुंडिचा मंदिर में यात्रा के
आपके घर की रसोई में हल्दी का इस्तेमाल जरूर होता है. हल्दी न सिर्फ सब्जी का रंग बदलती है साथ ही इसको खाने से कई बीमारियों से भी बचाव होता है. लेकिन क्या आपको पता है कि घर में हल्दी का पौधा लगाना शुभ माना जाता है. हल्दी पूजन सामग्री की एक जरूरी चीज है.
मंगल ग्रह को लाल ग्रह के नाम से जाना जाता है. मंगल ग्रह 27 जून को अपनी ही राशि मेष में प्रवेश कर जाएंगे. मंगल के इस राशि परिवर्तन का प्रभाव वैसे तो सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन पर देखने को मिलेगा. लेकिन कुछ राशियों को इसका जबरदस्त लाभ होने वाला है. बता
राहु ने 29 अप्रैल को राशि गोचर किया था. राहु ने 18 साल 7 महीने बाद 12 अप्रैल 2022 को मेष राशि में प्रवेश किया था और आज 14 जून को राहु नक्षत्र परिवर्तन कर रहे हैं. वे अगले करीब 8 महीनों तक इसी नक्षत्र में रहेंगे. भरणी नक्षत्र के स्वामी शुक्र हैं और वे
ओडिशाा स्थित पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा बेहद मशहूर है. वैसे तो देश के कई हिस्सों में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा बड़ी धूमधाम से निकलती हैं लेकिन ओडिशा में इसकी धूम देखने लायक होती है. आज ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व बड़े भाई बलदाऊ का विधि-विधान से स्नान कराया जाएगा.