Category: संपादकीय

गोबर-धन को आने दो!

व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा/ आवश्यकता आविष्कार की जननी है, बचपन से सुनते-पढ़ते आए थे। स्कूल में निबंध भी लिखा था। पर छोटी बुद्धि — हमेशा ज्यादा जोर इसी पर रहा कि आवश्यकता नहीं हो, तो आविष्कार भी पैदा नहीं होगा। कभी बड़ा सोचा होता, तो कम से कम दिल से इसके लिए तैयार होते कि

अमेरिका की डिफेंस बिजनेस और यूरोप के डिफेंस बिजनेस के शेयर की कीमतें मार्केट में 16 प्रतिशत से लेकर 52 प्रतिशत तक बढ़ी : अतुल सचदेवा सीनियर जर्नलिस्ट

यूरोप और अमेरिका की डिफेंस कंपनियों के शेयर में वृद्धि 52% से लेकर 16% तक हुई । यूक्रेन और रूस के युद्ध में डिफेंस बिजनेस कंपनियों के शेयर की वृद्धि हुई है जिनमें प्रमुख अमेरिकी कंपनी और यूरोप की डिफेंस कंपनी है जो आधुनिक हथियार बनाती है टैंक लेजर सिस्टम मिसाइल और अन्य उपकरण और

रुस और यूक्रेन युद्ध के कारण विश्व में अमेरिका और चीन हथियारों बिक्री बढ़ सकती है : अतुल सचदेवा सीनियर जर्नलिस्ट

यूक्रेन जंग में अमेरिका और चीन की भूमिका पर  दोनों देश अपना फायदा देख रहे हैं। परमाणु युद्ध का भय दिखाया जा रहा है। ये डर पैदा करने का प्रयास है। चीन, इस लड़ाई से खुश है। उसे लग रहा है कि लड़ाई के बाद जो नई आर्थिक व्यवस्था अस्तित्व में आएगी, वह उसके लिए

उप्र चुनाव : पब्लिक भाजपा को माफी देगी या उससे माफी मांगेगी

आलेख : राजेंद्र शर्मा/पूर्वी उत्तर प्रदेश में सोनभद्र जिले के अंतर्गत, रॉबर्ट्सगंज विधानसभाई क्षेत्र की भाजपा की एक अनोखी जनसभा का वाइरल हुआ वीडियो, चंद सैकेंडों में जिस तरह से उत्तर प्रदेश के इस विधानसभाई चुनाव की और उसमें भी सब से बढ़कर सत्ताधारी भाजपा की दुर्दशा की कहानी कह देता है, उसे हजारों शब्दों

सोवियत संघ का हिस्सा रहे देश रुस की मदद करेंगे : अतुल सचदेवा सीनियर जर्नलिस्ट

सोवियत संघ का हिस्सा रहे अर्मेनिया, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और बेलारूस भी रूस का समर्थन करेंगे, क्योंकि उन्होंने छह देशों के सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका मतलब यह है  अगर रूस पर हमला होता है  सोवियत संघ हिस्सा रहे देश सभी खुद पर भी हमला मानेंगे।  अजरबेजान भी रूस की मदद

इंडिया को इस समय रुस की राजनीति और कुटनीति समझना चाहिए : अतुल सचदेवा, सीनियर जर्नलिस्ट

रुस और यूक्रेन में युद्ध के दौरान उनकी कुटनीति और विदेश नीति को समझें । रुस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान वहां पर यात्रा पर हैं इस समय में इमरान खान यात्रा क्यों हो रही है । रुस की कुटनीति और विदेश नीति को समझें । इस समय रुस और यूक्रेन युद्ध में कुटनीति

खिसियानी भाजपा विकास का मुखौटा नोचे!

(आलेख : राजेंद्र शर्मा)/ उत्तर प्रदेश में मतदान के तीसरे चरण तक पहुंचने से पहले ही संघ-भाजपा का दम फूल गया लगता है। इसके लक्षण एक नहीं, अनेक हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण लक्षण तो यही है कि पहले दो चरणों में मतदाताओं के रुझान और तीसरे चरण के प्रचार तक आम तौर पर मतदाताओं के

सोशल मीडिया के उपयोग-दुरुपयोग के बीच जन्मती सूचना सभ्यता

आलेख : संध्या शैली/ दो दिन पहले – 12 फरवरी को –  दुनियां ने उस महान वैज्ञानिक चार्ल्स डारविन की जयंती मनायी, जिसने मानव के विकास की प्रक्रिया को समझ कर बताया था कि किस तरह दुनियां में प्राणियों की उत्पत्ति और विकास हुआ। इस विकास क्रम में दुनियां के अलग-अलग हिस्सों में मानवता अलग-अलग

मध्यप्रदेश के मधुबन में नफरत की ताड़का नाचे रे !!

हिजाब के नाम पर कर्नाटक से भाजपा की साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की अगली लहर जिस बेहिसाब तरीके से  बेहिजाब हुयी, इसे देश-दुनिया ने देखा है। इस बेतुके और बेहूदे मुद्दे को ऐन यूपी चुनाव के पहले उठाने की तात्कालिक वजह समझ में आती है। मगर बात सिर्फ इतनी नहीं है। एक के बाद एक मुद्दा गढ़कर

न होता यूं तो क्या होता!

(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा) भई पब्लिक की ये बात ठीक नहीं है। पहले अच्छे दिनों के लिए कब आएंगे, कब आएंगे पूछ-पूछकर, मोदी जी को इतना परेशान किया, इतना परेशान किया कि उन्होंने आजिज आकर अच्छे दिनों का आर्डर ही कैंसिल कर दिया और नये इंडिया का आर्डर दे दिया। पर मोदी जी के नये

गणतंत्र दिवस विशेषांक : व्यक्तितंत्र, पूँजीतन्त्र, लट्ठतंत्र, भीड़तंत्र, धर्मतंत्र और राजतंत्र नहीं बल्कि लोकतंत्र है देश की हर नागरिक और उनके सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक – एचपी जोशी

मेरे प्यारे बुद्धजीवी देशवासियों सबसे पहले मैं हुलेश्वर जोशी आपको गणतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई देता हूँ। मेरे प्यारे देशवासियों आपको ज्ञात होनी चाहिए कि 26 जनवरी 1950 न सिर्फ अंग्रेजों से आज़ादी उपरांत स्वतंत्र भारत के द्वारा लोकतांत्रिक देश की दर्जा प्राप्त करने और अपनी ख़ुद की संविधान बनाकर उसे अंगीकृत और

फासिस्टी मनोरोग के एप्प्स : बुल्लीबाई और सुल्ली डील्स

नए साल की शुरुआत हिन्दुस्तानी फासिस्टों के एक और घिनौने कर्म के उजागर होने के साथ हुयी। जनवरी की पहली तारीख को ही सोशल मीडिया के जरिये जहरीले काम कर रहा “बुल्ली बाई” एप्प पकड़ा गया। यह अपराध तब सामने आया, जब कुछ मुस्लिम महिलाओं ने यह पाया कि एक एप्प के जरिये उनकी “नीलामी”

मुनव्वर से बरास्ते वीर दास, कुणाल तक : गहरे होते अँधेरे, मुक़ाबिल होते उजाले

पिछले सात साल में दो मामलों में मार्के का विकास हुआ है।एक : मोदी राज की उमर बढ़ी है, बढ़कर दूसरे कार्यकाल का भी आधा पूरा कर चुकी है। दो : रचनात्मकता को कुचल देने और सर्जनात्मकता को मार डालने की योजनाबद्ध हरकतें बढ़ते-बढ़ते एक ख़ास नीचाई तक पहुँच गयी हैं। स्टैंडअप कॉमेडियन्स मुनव्वर फारुकी,

गाँव बसने से पहले ही आ पहुँचे उठाईगीरे : क़ानून वापसी के साथ-साथ कानूनों की पुनर्वापसी की जाहिर की मंशा

19 नवम्बर की भाषणजीवी प्रधानमंत्री के तीनो कानूनों को वापस लेने की मौखिक घोषणा पर कैबिनेट ने 5 दिन बाद 24 नवम्बर को मोहर लगाई और संसद में बिना कोई चर्चा कराये  29 नवम्बर को उन्हें संसद के दोनों सदनों में भी रिपील कराने का बिल पारित करा लिया गया। यह देश ही नहीं, दुनिया

जीत के बाद भी जारी है देश का किसान आंदोलन

संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली के प्रतिनिधि, अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव बादल सरोज तथा छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते द्वारा पत्रकार वार्ता में जारी वक्तव्य देश भर में जिस अभूतपूर्व, असाधारण, ऐतिहासिक किसान आंदोलन ने कल एक वर्ष पूरा किया है, उसने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली कारपोरेट बंधुआ सरकार को

विश्व की सबसे समृद्ध और सर्वाधिक व्यापक है भारतीय संविधान, यह प्रत्येक भारतीयों के लिये पठनीय और पूज्यनीय भी है : एच.पी. जोशी

सबसे पहले मैं समस्त देशवासियों को भारतीय संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई देता हूँ। मैं संविधान की अपने शब्दों में व्याख्या अथवा समीक्षा करने का प्रयास करूॅ तो गारंटी है मेरी व्याख्या अत्यंत तुच्छ प्रमाणित हो जाएगी। इसलिये मैं स्वयं को भारतीय संविधान की निष्ठापूर्वक पूरी व्याख्या के लिये अयोग्य ठहराता हॅू, क्योंकि

रानी कमलापति या आदिवासियों का धृतराष्ट्र-आलिंगन? : पुरानी है भाजपा की आदिवासियों से नफरत!!

संघी कुनबे को भारत के मुक्ति आंदोलन के असाधारण नायक बिरसा मुण्डा की याद उनकी शहादत के 122वें वर्ष में आयी। अंग्रेजो से लड़ते हुए और इसी दौरान आदिवासी समाज को कुरीतियों से मुक्त कराते हुए महज 24 साल की उम्र में रांची की जेल में फांसी पर लटका दिए गए बिरसा मुण्डा के जन्मदिन

आसमाँ पै है खुदा और जमीं पै ये : भाजपा कार्यकारिणी में गूँजा ‘अहम् ब्रह्मास्मि’ का आलाप

हर तीन महीने में होने वाली भाजपा कार्यकारिणी की बैठक दो वर्ष के लम्बे अंतराल के बाद मात्र एक दिन के लिए हुयी और “तेरे नाम पै शुरू तेरे नाम पै ख़तम” भी हो गयी। बिना किसी व्यवधान के पृथ्वी के सूरज के चारों तरफ घूमते रहने की “उपलब्धि” के  सिवा ब्रह्माण्ड में घटी सारी

मंहगाई और गाँव : दूबरे के दो आषाढ़

मुरैना जिले के बस्तौली गाँव के गयाराम सिंह धाकड़ को समझ ही नहीं आ रहा है कि सरसों के उम्मीद से कहीं ज्यादा अच्छे भाव मिलने के बाद भी उनका सारा बजट कैसे गड़बड़ा गया। खर्चे अभी भी पूरे नहीं हो पा रहे हैं – कर्जा अभी भी नहीं अदा हो पा रहा है, जबकि

राष्ट्र को समर्पण या आत्मसमर्पण? : सरकारी आयुध निर्माणियों की सेल की धूर्तता पर गर्व का गरबा करते मोदी

प्रचलन में यह है कि दशहरे के दिन अस्त्र-शस्त्रों की पूजा होती है। मगर जैसा कि विश्वामित्र कह गए हैं : “कलियुग में सब उलटा पुलटा हो जाता है।” वही हो रहा है। इस दशहरे पर मोदी जी – हिन्दू धर्म के स्वयंभू संरक्षक मोदी जी, राष्ट्रवाद की होलसेल डीलरशिप लिए बैठे संघ के प्रचारक
error: Content is protected !!