मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार इलाज के लिए 25 लाख रुपए देती है जो किसी भाजपाशासित राज्य में नहीं है
- भाजपा स्वास्थ्य कर्मियों के मामले घड़ियाली आंसू ना बहाये रमन सरकार में इन्हें लाठियां से पीटा गया जेल में बन्द किया गया था, भाजपा नेताओं को अपना ज्ञान बढ़ाना चाहिए
- रमन सरकार में छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य के मामले में 21 राज्यों में 20वे नंबर पर था
रायपुर. भाजपा की प्रेस वार्ता पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा नेताओं को अपना ज्ञान बढ़ाना चाहिए, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना में जटिल एवं गंभीर रोगों के इलाज के लिए 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करती है। छत्तीसगढ़ के बाद राजस्थान की सरकार ये सुविधा देती है। जो किसी भी भाजपा शासित राज्य नही देती जाती है। रमन सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं ऑक्सीजन में थी, देश के 21 राज्यों में छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य व्यवस्था 20वें नंबर पर थी। बस्तर में मलेरिया, डायरिया जैसे बीमारी में लोगों की मौत हो जाती थी। 2018 में 37 प्रतिशत से अधिक बच्चे कुपोषित थे और 41 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित थी। अस्पताल के नाम से सिर्फ इमारत थी ना डॉक्टर थे, ना नर्सिंग स्टाफ था, ना दवाइयां थी, ना सुविधा थी। भाजपा स्वास्थ्य कर्मियों के मामले में घड़ियाली आंसू न बहायें जब सत्ता में थे तब इन्हीं स्वास्थ्य कर्मियों के ऊपर लाठियां चलाते थे, जेल में बंद करते थे पूरा प्रदेश ने देखा है। नर्सों को दूध मुंहे बच्चों के साथ गिरफ्तार कर जेल में बंद किया था, बाथरूम में ताला लगा दिया था।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि राज्य को मलेरिया से मुक्ति दिलाने में अच्छी सफलता मिली है। छत्तीसगढ़ में 2018 में मलेरिया पॉजिटिव दर 4.6 प्रतिशत था जो घटकर 0.79 प्रतिशत पर आ गई है। बस्तर अंचल में मलेरिया के मामलों में 65 प्रतिशत की कमी आई है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में कुपोषण की दरों में कमी आई है 2 लाख 65 हजार से अधिक बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए हैं, 1 लाख 50 हजार से अधिक महिलाएं एनीमिया से मुक्त हो चुकी है। पूर्व के रमन सरकार के दौरान के मातृत्व मृत्यु दर में बीते 4 वर्षों में 22 अंकों की गिरावट आई, 2016 से 2018 के बीच 159 एमएमआर वाले छत्तीसगढ़ का एमएमआर अब घटकर 137 पर पहुंच गया है, प्रदेश में मातृत्व मृत्यु दर का अब तक का यह सबसे न्यूनतम आंकड़ा है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए प्रदेश के 61 अस्पतालों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है। इसमें 10 जिला अस्पताल, 7 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 26 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 13 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 5 उप स्वास्थ्य केंद्र शामिल है एवं भारत सरकार द्वारा उच्च स्तरीय प्रसव सुविधा के लिए 5 जिला अस्पताल दुर्ग, नारायणपुर, कोंडागांव, जगदलपुर एवं कबीरधाम को राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है।