सिटी बस परिचालन को लगा ग्रहण, रख रखाव के आभाव में कबाड़ में तब्दील हो रही है बसें

बिलासपुर/अनीश गंधर्व. कोरोना काल में महामारी को देखते हुए सिटी बसों के परिचालन को बंद कर दिया हैं। तब से लेकर आज तक इन बसों को कोनी स्थित डिपो में रखा गया है। खुले आसमान में पड़े पड़े इन बसों की हालत जर्जर हो गई है। जब कभी भी इन बसों के परिचालन को अनुमति मिलेगी तो लाखों रुपए खर्च करना पड़ेगा। सरकारी पैसे का दुरुपयोग नगर निगम द्वारा शुरू से किया जा रहा हैं। पंप हाउस के वाहन शाखा में पड़े पड़े कई वाहन कबाड़ के दाम पर बेचे जा चुके है।

स्मार्ट सिटी बिलासपुर में आम जनता को आज तक यात्री सुविधा के लिए स्थानीय प्रशासन ने कोई ठोस योजना नहीं बनाई है। ले देकर सिटी बसों का परिचालन शुरू किया गया था। तखतपुर, रतनपुर, मल्हार, बिल्हा, सीपत के लोग सफर करते थे। कोरोना काल में जब सिटी बसों को बंद किया गया था तब से लेकर आज तक ये बसे डिपो में खड़ी है। यहां खुले आसमान में रख रखाव के कारण जर्जर हो चुकी बसे कबाड़ में तब्दील हो रही है। निगम द्वारा लावारिस हालत में रखे गए बसे झूल खा रही है, जरूरी सामान एक एक कर गायब भी हो रहे है।

चंदन केसरी संवाददाता ने कोनी स्थित डिपो पहुंचकर जायजा लिया तो कतार बद्ध खड़े बसों सीट उखड़  रहे। टायर गायब थे। लाखों फूंकने के बाद भी ये बसे फिर से दौड़ पाएगी कहना मुश्किल है। बहरहाल आम जनता की मांग के बाद भी सिटी बसों का परिचालन शुरू नही किया गया। जिलाधीश को ज्ञापन भी सौंपा जा चुका है। इधर कोरोना महामारी फिर से फैलने लगा है। रोजाना मरीजों की संख्या भी बड़ रही है । ऐसे में जर्जर हो रही सिटी बसों का भगवान ही मालिक है।

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