March 4, 2025
ईडी के विरोध में कांग्रेस का विशाल धरना

- कांग्रेस ईडी की गीदड़ भभकी से डरने वाली नहीं – दीपक बैज
- भाजपा ईडी को सूची देती है वह भाजपा के इशारे पर छापा मारती है – डॉ.महंत
- ईडी में साहस है तो भाजपा ऑफिस की जांच करे – भूपेश बघेल
रायपुर। ईडी की कार्यप्रणाली के विरोध में तथा ईडी द्वारा कांग्रेस के दफ्तर में नोटिस भेजने एवं कांग्रेस के महामंत्री मलकीत सिंह गैदू को जबरिया घंटो ईडी ऑफिस में बैठाने के विरोध में कांग्रेस ने ईडी ऑफिस के सामने धरना दिया। धरने में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, एआईसीसी महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, सह प्रभारी जरिता लेतफलांग, विजय जांगिड़ की उपस्थिति में धरना संपन्न हुआ।
धरने को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार राजनीतिक दल के दफ्तर पर सेंट्रल एजेंसी आता है और आकर कहता है कि आपके नाम से नोटिस आया है, सम्मन आया है। ईडी के द्वारा भेजे गये सम्मन के आधार पर जानकारी देने गये कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू को जबरिया ईडी ऑफिस में घंटों बैठाया जाना बेहद ही आपत्तिजनक है। ईडी ने कांग्रेस से उसके जिला कार्यालय के निर्माण के संबंध में जानकारी मांगी थी। प्रभारी महामंत्री ईडी के द्वारा चाही गयी जानकारी को देने ईडी ऑफिस गये थे। जानकारी प्राप्त करने के तुरंत बाद ईडी को उनको वापस आने देना चाहिए था। ईडी को कुछ अतिरिक्त जानकारी चाहिये थी तो उसको वह लिखित में मांग सकती थी, उस जानकारी को उपलब्ध कराया जायेगा। कांग्रेस अपने कार्यालयों के निर्माण के एक-एक रू. का हिसाब देगी। ईडी ने भाजपा के इशारे पर कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी को अनावश्यक घंटों बैठाये रखा था। ईडी भाजपा के अनुषांगिक संगठन की भांति काम कर रही है जो सर्वथा अस्वीकार्य है। ईडी ने कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री से जो सवाल किया उससे साफ हो रहा था कि ईडी की मंशा कांग्रेस पदाधिकारी को प्रताड़ित करना है। प्रभारी महामंत्री इडी के सवालो का जवाब देने गये थे फिर उनके व्यक्तिगत, पारिवारिक संपत्ति का ब्योरा क्यों मांगा गया। सम्मन के चार बिन्दु थे उसमें यह तो नहीं था। ईडी नगर निगम कब से हो गयी, वह बिल्डिंग का नक्शा कब पास हुआ, लेआऊट कहा है, छज्जा कितना निकला है, ऊंचाई कितनी है? यह सवाल पूछ रही है, नक्शा पास हुआ या नहीं लोकल पालिका पूछेगी सिर्फ परेशान करने की नीयत है साफ दिख रहा है। क्या ईडी सभी कांग्रेस के पदाधिकारियों की संपत्ति की जांच के एजेंडे पर आई थी। ईडी में साहस है तो वह भाजपा के 150 करोड़ रू. की लागत से बने भाजपा कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे को बनाने का रुपया कहां से आया इसकी जांच करे? कुशाभाऊ ठाकरे परिसर फाईव स्टार होटल की तर्ज पर बनाया गया है। रायपुर में ही भाजपा के कार्यालय एकात्म परिसर की जमीन राजनैतिक दल के कार्यालय के लिये भाजपा ने 1 रू. में हासिल किया था। एकात्म परिसर को व्यवसायिक काम्प्लेक्स में तब्दील कर दिया गया जहां से 1.5 करोड़ रूपया किराया भाजपा वसूलती है ईडी उसकी जांच करेगी?