मोदी के सुझाव के विपरीत साय के मंत्री सार्वजनिक तौर पर अधिकारियों को धमका रहे
रायपुर. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में मंत्रियों के द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को सार्वजनिक तौर पर धमकाना साबित करता है कि प्रदेश की सरकार और केबिनेट को बाईपास करके किसी और के द्वारा संचालित किया जा रहा है, जिसमें इन मंत्रियों की भी कोई सुनवाई नहीं है। मोदी और शाह के अधिनायकवाद से छत्तीसगढ़ के भाजपा के नेता भी व्यथित हैं। जिस तरह से छत्तीसगढ़ के स्थानीय नेताओं के अधिकारों का गला घोटकर परंपरा के विपरीत छत्तीसगढ़ को केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर दिल्ली से रिमोट से संचालित किया जा रहा है, उससे विष्णुदेव सरकार के मंत्री भी व्यथित हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े की बौखलाहट उसी का परिणाम है। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के शासन के साथ जंगलराज, अराजकता की वापसी हो गया है। अपनी ही सरकार में भाजपा के मंत्री तक अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। चर्चा तो यह भी है कि मंत्रियों तक को अपने अनुसार निजी कार्यालय में किसी कर्मचारी की पदस्थापना का अधिकार नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि हाल ही में 87 आईएएस आईपीएस अधिकारियों के तबादले को लेकर पीएमओ तक शिकायत सर्वविदित है। चर्चा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और मंत्रियों को सख्त हिदायत देते हुए स्पष्ट तौर पर कहा है की “पॉलिसी बनाना नेताओं का काम है, अधिकारियों का काम उसे लागू करना है इसलिए अधिकारियों से अच्छा व्यवहार किया जाए।“ भाजपा के मंत्रियों के द्वारा सार्वजनिक मंचों से अधिकारियों को धमकाना प्रदेश के मंत्रियों के लाचारी और मजबूरी को प्रमाणित करता है। सरकार में आने के बाद भी भाजपा के मंत्री केवल आरोप लगा रहे हैं। जनता प्रदेश हित में काम करने चुनी है, लेकिन केंद्र के रिमोट से संचालित विष्णुदेव साय सरकार का फोकस केवल अडानी परस्त नीतियों पर ही है।