दिव्यांग बच्चों की शिक्षा पर संकट : विशेष विद्यालय के बंद होने से अभिभावकों में गहरी चिंता
बिलासपुर : शहर में स्थित जस्टिस तन्खा मेमोरियल रोटरी फॉर स्पेशल चिल्ड्रन विद्यालय, जो पिछले कई वर्षों से विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए शिक्षा का केंद्र रहा है, अब बंद होने की कगार पर है। दिनांक 25 अप्रैल 2025 को विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा एक बैठक आयोजित की गई,जिसमें यह सूचना दी गई कि भवन की अनुपलब्धता के कारण आगामी शैक्षणिक सत्र से विद्यालय को बंद करने का निर्णय लिया गया है। यह सूचना मिलते ही विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों के अभिभावकों के बीच गहरी चिंता और असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चे विशेष रूप से मंदबुद्धि,मूकबधिर,एवं अन्य दिव्यांग श्रेणी में आते हैं, जिनके लिए सामान्य विद्यालयों का वातावरण अनुकूल नहीं होता। यह बच्चे अपनी विशेष आवश्यकताओं के अनुरूप ही शिक्षा ग्रहण कर पाते हैं और इस विद्यालय का वातावरण,शिक्षकों की संवेदनशीलता तथा समर्पण, उनके समग्र विकास में अत्यंत सहायक रहा है। अभिभावकों ने यह भी बताया कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चे किसी नए वातावरण में आसानी से सामंजस्य नहीं बैठा पाते। वर्षों की मेहनत से जब एक विशेष विद्यालय में वे शिक्षक, मित्रों और पढ़ाई के तरीके से सहज हो पाते हैं,तब किसी भी प्रकार का बदलाव उनके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल सकता है। इस विद्यालय के बंद होने से न केवल उनकी शिक्षा बाधित होगी,बल्कि उनके आत्मविश्वास और सामाजिक व्यवहार पर भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है इस गंभीर परिस्थिति को देखते हुए बच्चों के अभिभावकों ने जिला प्रशासन से शीघ्र हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर यह आग्रह किया है कि विद्यालय को भवन अथवा अन्य संसाधनों की सहायता देकर चालू रखा जाए ताकि बच्चों की शिक्षा का क्रम और मानसिक संतुलन बना रह सके। अभिभावकों का कहना है कि यदि विद्यालय बंद होता है, तो उन्हें न तो ऐसा कोई और विद्यालय मिल पाएगा जो इस स्तर की सुविधा दे सके, और न ही बच्चे नई जगह पर सहज हो पाएंगे। यह मामला न केवल शिक्षा का है, बल्कि संवेदनशीलता,सामाजिक जिम्मेदारी और अधिकारों से भी जुड़ा हुआ है। सरकार और प्रशासन से अपेक्षा की जा रही है कि वे समय रहते उचित कदम उठाकर इन बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को सुरक्षित करें।