April 26, 2024

दिल्ली 4-दिवसीय 44वीं आईएसओ कोपोल्को (ISO COPOLCO) प्लेनरी का भारत में आज से शुभारम्भ

अतुल सचदेवा सीनियर जर्नलिस्ट
दिल्ली. 168 देश आईएसओ का हिस्सा: बीआईएस दूसरी बार प्लेनरी का मेज़बान
उन्नत उपभोक्ता सहभागिता के लिए कोपोल्को कार्यशालाएं और सत्र
भारत 23-26 मई 2023 को नई दिल्ली में प्रतिष्ठित वार्षिक आईएसओ कोपोल्को प्लेनरी के 44वें संस्करण की मेजबानी कर रहा है। भारत के राष्ट्रीय मानक निकाय, भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा आयोजित किये जा रहे मेगा इवेंट में मानकीकरण प्रक्रिया में उन्नत उपभोक्ता सहभागिता को लक्षित करने वाली अन्य विशिष्ट गतिविधियों के अलावा, संबंधित विषयों पर संवाद सत्र और कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएंगी।
चार-दिवसीय कार्यक्रम में न केवल भारत सरकार और व्यावसायिक क्षेत्रों के प्रमुख बल्कि प्रतिष्ठित वैश्विक हितधारकों के अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल की विशिष्ट उपस्थिति भी होगी। माननीय श्री पीयूष गोयल, वाणिज्य और उद्योग मंत्री, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री, भारत सरकार  कार्यक्रम के दौरान अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल को सम्बोधित करेंगे। माननीय मंत्री महोदय के अलावा, प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय गणमान्य व्यक्तियों की सूची में अध्यक्ष, कोपोल्को सुश्री सैडी डेंटन; आईएसओ महासचिव, श्री सर्जियो मुजिका और आईएसओ के अन्य उच्च अधिकारी शामिल होंगे।
अंतर्राष्ट्रीय मानक संगठन (आईएसओ), 168 देशों के सदस्यों के साथ एक अंतरराष्ट्रीय निकाय, विविध श्रेणी के व्यापारिक एवं सामाजिक क्षेत्रों को प्रभावित करने वाले विश्वस्तरीय मानकों को विकसित करता है। उपभोक्ता नीति समिति (कोपोल्को) के माध्यम से, आईएसओ मानकीकरण की प्रक्रिया में व्यापक जनता को शामिल करता है। इसलिए, आईएसओ कोपोल्को  को प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय इवेंट माना जाता है जो ISO सदस्य देशों के प्रतिनिधियों को दुनिया के लिए मानकों के विकास में तेजी लाने के लिए चर्चा और रणनीति विकसित करने के लिए एक साथ लाता है।
जन-केंद्रित दृष्टिकोण और उपयुक्त विषयों, जैसे की, ‘उपभोक्ता जुड़ाव के लिए चुनौतियाँ और अच्छे रीतियाँ’; ‘सतत भविष्य के लिए उपभोक्ता सशक्तिकरण’; उपभोक्ता संरक्षण और कानूनी ढांचे’  इत्यादि के साथ इस वर्ष की बैठक भारत और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। सम्मेलन में दुनिया भर के मंत्रियों और प्रतिष्ठित व्यक्तियों सहित कई उच्च-स्तरीय वक्ताओं द्वारा कार्यशालाएं और संबोधन भी शामिल होंगे। 26 मई को समाप्त होने वाले इस कार्यक्रम में उपभोक्ता भागीदारी से संबंधित मामलों पर पैनल चर्चा भी होगी। इन सभी अनन्य विशेषताओं के चलते प्रतिभागियों, विशेषज्ञों तथा मानकीकरण से जुड़े समुदायों का मानना है कि आईएसओ कोपोल्को प्लेनरी एक ऐसा आयोजन है जिसका सार्थक प्रभाव वैश्विक अर्थव्यवस्था पर तथा फलस्वरूप लोगों के जीवन पर पड़ता है।
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के बारे में
भारतीय मानक ब्यूरो भारत का राष्ट्रीय मानक निकाय है, जिसकी स्थापना बीआईएस अधिनियम 2016 के तहत वस्तुओं का मानकीकरण करने, मुहरांकन और गुणवत्ता प्रमाणन की गतिविधियों के सुमेलित विकास और इससे जुड़े या प्रासंगिक मामलों के लिए की गई थी। बीआईएस सुरक्षित, विश्वसनीय, गुणवत्तापूर्ण वस्तुएँ प्रदान करने में अनेक तरीकों से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में निम्न प्रत्यक्ष एवं वास्तविक से  लाभ प्रदान करता रहा है; उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य संबंधी खतरों को कम करता है; निर्यात और आयात विकल्प को बढ़ावा देता है; मानकीकरण, प्रमाणन और परीक्षण के माध्यम से किस्मों आदि के प्रसार का नियंत्रण करता है।
प्रारंभ में, भारतीय मानक ब्यूरो भारतीय मानक संस्थान (आईएसआई) के रूप में जाना जाता था, जो दिनांक 6 जनवरी 1947 को अस्तित्व में आया था। तत्पश्चात्, दिनांक  26 नवंबर 1986 को संसद के अधिनियम के माध्यम से भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) अस्तित्व में आया। दिनांक 01 अप्रैल 1987 को,  व्यापक दायरे और पूर्ववर्ती आईएसआई के कर्मचारियों, संपत्तियों, देनदारियों और कार्यों को ग्रहण करते हुए और अधिक शक्तियों के साथ ब्यूरो आज एक निगमित निकाय है, जिसमें केंद्र और राज्य दोनों सरकारों का प्रतिनिधित्व करने वाले 25 सदस्य शामिल हैं। माननीय केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री इसके अध्यक्ष तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री इसके उपाध्यक्ष होने के साथ-साथ, इसके सदस्यों में संसद सदस्य, उद्योग, वैज्ञानिक और अनुसंधान संस्थान, उपभोक्ता संगठन और पेशेवर निकाय शामिल होते हैं।
बीआईएस का अंतरराष्ट्रीय सहयोग
भारत लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण के मामलों में सक्रिय रूप से प्रतिभागिता करता  रहा है और मानकीकरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठन (आईएसओ) के संस्थापक सदस्यों में से एक है। भारत के राष्ट्रीय मानक निकाय के रूप में अपनी हैसियत से, बीआईएस अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मानकीकरण के मामलों में सक्रिय रूप से भूमिका निभाता रहा है। बीआईएस अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) का सदस्य है और भारतीय राष्ट्रीय समिति (आईएनसी) के माध्यम से इंटरनेशनल इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन (आईईसी) का सदस्य है। बीआईएस प्रशांत क्षेत्र मानक कांग्रेस (पीएएससी) और दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय मानक संगठन (एसएआरएसओ) जैसे क्षेत्रीय मानक निकायों का भी सदस्य है और जो आईबीएसए (भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका) के फ्रेमवर्क के अधीन आते हैं।
बीआईएस एवं आईएसओ
आईएसओ की स्थापना के बाद से, तत्कालीन भारतीय मानक संस्थान (आईएसआई) और अब बीआईएस, एक सक्रिय सदस्य है और नीति के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण से संबंधित तकनीकी मामलों में भी योगदान दे रहा है। बीआईएस भी इन मानकों को भारतीय मानकों के रूप में अपनाकर आईएसओ के मानकों के साथ अपने मानकों का यथासंभव सुमेलन स्थापित कर रहा है। नीति के स्तर पर, भारत:
• समय-समय पर आईएसओ परिषद के सदस्य के रूप में कार्य किया।
• वर्तमान में 2020-2022 की अवधि के लिए टीएमबी का सदस्य।
• विकासशील देश मामलों पर आईएसओ नीति विकास समितियों (डीईवीसीओ), अनुरूपता मूल्यांकन समिति (सीएएससीओ), उपभोक्ता नीति समिति (सीओपीओएलसीओ), संदर्भ सामग्री समिति (आरईएमसीओ) तथा तकनीकी प्रबंधन बोर्ड – समूह (टीएबीजी) का प्रतिभागी सदस्य।
• ‘मानकों के विकास और उपयोग में एनएसबी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए संसाधन’ पर डीईवीसीओ कार्यकारी समूह का संयोजक है।
भारत (बीआईएस) विभिन्न तकनीकी समितियों और आईएसओ के कार्यकारी समूहों में अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण कार्य में सक्रिय रूप से सहभागिता करता है, इन समितियों में भाग लेकर, मानकों के विकास के नए विषयों का प्रस्ताव और नेतृत्व कर रहा है, तकनीकी समितियों की सचिवालय जिम्मेदारियों को संभाल रहा है, समितियां/कार्य समूह, आदि कीअध्यक्षता या संयोजन कर रहा है। वर्तमान में भारत 470 समितियों का सहभागी (पी) सदस्य है और 194 समितियों का पर्यवेक्षक (ओ) सदस्य है। भारत बीआईएस की संबंधित राष्ट्रीय प्रतिबिंब समितियों के माध्यम से आईएसओ तकनीकी समितियों में प्रतिभागिता करता है।
आईएसओ के बारे में
आईएसओ, या अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन, जो अंतरराष्ट्रीय मानक-निर्धारण निकाय है, जो 168 देशों के राष्ट्रीय मानक संगठनों के प्रतिनिधियों से बना है। आईएसओ एक गैर-सरकारी संगठन है जिसकी स्थापना सन् 1947 में हुई थी और इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है। आईएसओ उत्पादों, सेवाओं और प्रक्रियाओं की  विस्तृत श्रृंखला के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को विकसित एवं प्रकाशित करता है। इन मानकों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उत्पाद एवं सेवाएँ सुरक्षित, विश्वसनीय और अच्छी गुणवत्ता वाली हों। ये विभिन्न देशों के बीच सामान्य मानक प्रदान करके व्यापार को सुविधाजनक बनाने में भी मदद करते हैं।
कोपोल्को के बारे में
आईएसओ कोपोल्को, या उपभोक्ता नीति समिति, मानकीकरण के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठन (आईएसओ) की एक समिति है। यह मानकीकरण प्रक्रिया में उपभोक्ता हितों को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है कि मानकों को उपभोक्ताओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है। कोपोल्को उपभोक्ताओं को मानकीकरण के बारे में अपने विचार साझा करने और मानकों के विकास में भाग लेने के लिए एक मंच भी प्रदान करता है।

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