
40 से 50 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं का शरीर कमजोर होने लगता है। मेनोपॉज की वजह से जब मेटाबोलिज्म धीमा पड़ जाता है, तब आप इस प्रकार की डायट लेकर फायदा उठा सकती हैं।
खानपान का हमारी सेहत पर पूरा प्रभाव पड़ता है। कम वसा युक्त और हेल्दी आहार न केवल वजन कम करता है बल्कि शरीर को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। शरीर की जरूरत के अनुसार खाने का पैटर्न बदलने से गंभीर बीमारियों से भी बचाव हो सकता है। महिलाओं को अपने खानपान की आदतों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है।
दरअसल 40 से 50 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में मेनोपॉज से लेकर मेटाबोलिज्म धीमा होने सहित कई बदलाव होते हैं। इस उम्र में स्वस्थ जीवनशैली और संतुलित आहार को बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। हालांकि आहार के कई विकल्प हैं लेकिन सभी सेहत के लिए फायदेमंद नहीं हैं। आइए जानते हैं 50 की उम्र के बाद महिलाओं को कौन सी 5 डाइट लेनी चाहिए।

यह डाइट विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने और वजन को नियंत्रित रखने के लिए बेहतर मानी जाती है। मेडिटेरेनियन डाइट में मछली, फल, सब्जियां, साबुत अनाज, फलियां और जैतून का तेल शामिल है। डेयरी उत्पादों का सेवन मध्यम मात्रा में किया जाता है और मांस को हफ्ते में एक बार आहार में शामिल किया जाता है। आहार में एक तिहाई वसा होती है, जिसमें संतृप्त वसा कुल कैलोरी सेवन के 8 प्रतिशत से अधिक नहीं होती है।
स्टडी के अनुसार यह डाइट न केवल उम्र को बढ़ाती है बल्कि टाइप 2 डायबिटीज और हृदय रोगों के जोखिम को कम करती है। मेडिटेरेनियन डाइट स्पेन, फ्रांस, ग्रीस और इटली जैसे भूमध्य देशों के पारंपरिक खाने के पैटर्न पर आधारित है।
वीगन डाइट

यह पौधों वाले खाद्य पदार्थों पर आधारित है। इसमें जानवरों के जुड़े किसी भी उत्पाद का सेवन नहीं किया जाता है। इस डाइट में मीट के अलावा डेयरी उत्पाद और अंडे का सेवन प्रतिबंधित होता है। स्टडी के अनुसार, वीगन डाइट अपनाने से हृदय रोग, टाइप 2 डायबिटीज और कैंसर का खतरा कम होता है। स आहार का एकमात्र नकारात्मक पहलू यह है कि इसमें विटामिन बी 12, विटामिन डी, आयोडीन, आयरन, कैल्शियम, जस्ता और ओमेगा -3 फैटी एसिड जैसे कई पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।
डैश डाइट

डैश डाइट उच्च रक्तचाप की समस्या से बचने के लिए बेहद कारगर है। महिलाओं में मेनोपॉज के बाद हृदय रोगों और उच्च रक्तचाप का जोखिम बढ़ सकता है। इन बीमारियों के लक्षणों को रोकने के लिए डैश डाइट सबसे अच्छा विकल्प है। इस डाइट में कैल्शियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम से भरपूर आहार शामिल किया जाता है। ये सभी तत्व उच्च रक्तचाप को कम करते हैं। इसमें मुख्य रूप से सब्जियां, फल, और कम वसा वाली डेयरी, साबुत अनाज, फलियां, नट, बीज, मछली और मुर्गी शामिल हैं।
पैलियो डाइट

यह डाइट अधिक मात्रा में प्रोटीन और कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट के सेवन पर आधारित है। इसमें अंडे, सब्जियां, फल, मेवे और असंसाधित मीट शामिल किया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, 50 की उम्र के बाद इंसुलिन रेसिस्टेंस से निपटने वाली महिलाओं के लिए कम कार्बोहाइड्रेट वाले आहार खाना फायदेमंद होता है। आहार में अनाज, फलियां, आलू, डेयरी खाद्य पदार्थ, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, रिफाइंड चीनी या नमक शामिल नहीं होते हैं। लेकिन अगर आप सावधानी से यह डाइट प्लान नहीं बनाती हैं, तो इससे पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।
फ्लेक्सिटेरियन डाइट

यह डाइट आधा शाकाहारी और आधा मांसाहोरी होती है। इसमें पौधों और जानवरों पर आधारित खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाता है। इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है। इसका सेवन करने से आयरन और ओमेगा 3 फैटी एसिड की भरपाई हो जाती है। इसके अलावा फ्लेक्सिटेरियन डाइट में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है, जो ऑस्टियोपोरोसिस से बचाने में मदद करती है। उम्र संबंधी बीमारियों से बचने के लिए ये डाइट बहुत फायदेमंद हैं। 50 वर्ष की उम्र की महिलाओं को स्वस्थ रहने के लिए इस आहार को अपनाना चाहिए।