विश्वास, विकास और सुरक्षा की नीति के चलते साढ़े तीन साल में नक्सली घटना में 80 फीसदी कमी आयी

रायपुर. भाजपा के प्रमुख प्रवक्ता एवं विधायक अजय चंद्राकर के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा प्रवक्ता एवं विधायक अजय चंद्राकर को अपने रमन भाजपा शासनकाल को याद करना चाहिए जिस दौरान दक्षिण बस्तर के चार विकासखंड तक सीमित नक्सलवाद भाजपा शासनकाल की लापरवाही के चलते 14 जिलों को प्रभावित कर दिया। तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का गृह जिला कवर्धा भी नक्सलवाद के चपेट में आ गया। उस दौरान प्रदेश के 14 जिलों में नक्सली सप्ताह मनाया जाता था और पूर्व की रमन सरकार आंखें मूंदे बैठे रहती थी। प्रदेश ने देखा है नक्सलवाद को खत्म करने के लिए सलाहकार बन कर आए पंजाब के पूर्व डीजीपी केपीएस गिल को रमन भाजपा सरकार ने वेतन लो और मौज करो की सलाह दिया था। इससे स्पष्ट समझ में आता है कि रमन भाजपा की सरकार नक्सलवाद के खात्मे के पक्ष में नहीं थी बल्कि उस दौरान नक्सलवाद और नक्सलियों के सहयोगी फलते फूलते रहे हैं। कई बड़ी नक्सली वारदात हुई जिसमे बड़ी संख्या में आमजनों एवं सुरक्षा में लगे जवानों की शहादत होती थी।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विश्वास, विकास और सुरक्षा की नीति के तहत काम कर रही है। गोलियों का जवाब गोलियों से दिया जा रहा है और नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बुद्धिजीवी वर्ग डॉक्टर, व्यापारी, युवा, जन प्रतिनिधियों से चर्चा कर नक्सलवाद को खत्म करने का मजबूत रणनीति के साथ काम कर रही है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, विकास के लिए काम किया जा रहा है अब नक्सल प्रभावित क्षेत्र की जनता नक्सलियों के खिलाफ सामने आकर लड़ाई लड़ रही है। हमारे सुरक्षा के जवान नक्सलियों से लोहा लेकर उन्हें पीछे धकेल रहे हैंं। सरकार पूरी तरीके से नक्सलवाद को खत्म करने के लिए कमरकस की लड़ाई लड़ रही है जिसका ही परिणाम है कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवादी गतिविधियों में 80 प्रतिशत की कमी आई है और अभी केंद्र सरकार ने कोंडागांव जिला को अति संवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्र की सूची से बाहर किया है।

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