सिम्स अस्पताल के आस पास कतारबद्ध खड़े निजी वाहनों के कारण लाश निकालने के लिए भी जगह नहीं बचती
बिलासपुर/अनीश गंधर्व. सिम्स अस्पताल के मुख्य द्वार व आसपास में कतार बद्ध खड़े निजी वाहनों के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। रोजाना दूर दराज से आने वाले गंभीर मरीजों को इसी मार्ग से लाया जाता है इसके बाद भी निजी वाहनों के मालिक सड़क किनारे डटे रहते हैं। जबकि उन्हे रीवर व्यू में व्यवस्था दी गई है। बुकिंग पाने फेर में आटो और एंबुलेस वाहनों के संचालक मनमानी कर रहे हैं, इनकी मनमानी के कारण मृतक के परिजन लाश को हाथ में लेकर शव वाहन तक लाने को मजबूर हैं।
सिम्स के बाउंड्री वॉल में ठेला गुमटी लगाने वाले लोग कब्जा कर अपना कारोबार कर रहे हैं। चाय, नाश्ता और किराना समान बेचने वाले लोग खुलेआम रंगदारी भी करते हैं, ग्रामीणों से अभद्र व्यवहार करते हैं। इसी तरह आटो चालक और एंबुलेंस वाले भी बीच सड़क पर वाहन खड़ा करते हैं। बार बार समझाइश के बाद भी ये लोग मनमानी करते हुए सड़क पर ही ठेरा जमाए हुए हैं।
एक ग्रामीण की आज सिम्स में उपचार के दौरान मौत हो गई। परिजन उसकी लाश को वार्ड से लेकर गेट पर आए तो बीच सड़क में कार चालक वाहन छोड़कर चला गया था। जिसके कारण शव वाहन को आगे खड़ा करना पड़ा। चाय की दुकान और कार खड़ी होने के कारण स्ट्रेक्चर को भी बाहर लाते नहीं बना। मृतक के परिजनों को लाश हाथ में लेकर शव वाहन तक लाना पड़ा। संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में मरीजों को हो रही परेशानियों को देखने वाला कोई नही रह गया है।
शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने का प्रयास भर किया जा रहा है। बार बार समझाइश देने के बाद भी नहीं मानने वाले लोगों को खुला छोड़ दिया गया हैं। सरकारी अस्पताल के बाउंड्रीवॉल को घेरकर लोग यातायात व्यवस्था को प्रभावित कर रहे है, जिम्मेदार अधिकारी परेशानी उत्पन्न करने वालो को खुली छूट दे रहे है। गंभीर मरीजों के जान के साथ खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है। वन्ही मृतक के परिजनों को लाश लाने में हो रही कठिनाइयों से किसी कोई लेना देना नहीं। दुर्भाग्य है इस शहर का जिसे स्मार्ट सिटी का दर्जा भले ही मिल गया है लेकिन जिम्मेदारी कोई सम्हाले को तैयार नहीं है। नगर निगम का अतिक्रमण विभाग और यातायात विभाग की घोर लापरवाही के कारण ही आज की स्थिती में सड़कों पर लोग अवैध कब्जा कर अपना कारोबार चमका रहे है। सरकारी अस्पताल के बाउंड्री वॉल तक को कब्जा मुक्त नही कराया जा रहा है।