नगर निगम में शामिल होने के बाद भी लिंगियाडीह में समस्याओं का अंबार

बिलासपुर/अनिश गंधर्व. शहर से जुडे ग्राम पंचायतों को नगर निगम में शामिल तो कर लिया गया है, इसके बाद भी गांवों में समस्या जस की तस है। नालियों का निर्माण नहीं किया गया है, सड़क चलने लायक नहीं है और तो ग्राम पंचायत में बनाये गए सामुदायिक भवन भी रख रखाव के अभाव में जर्जर हो रहे हैं। यहां के लोगों का कहना है कि ग्राम पंचायत में अपनी समस्या तो रखते थे निगम में शामिल होने के बाद मकान टैक्स आदि का भार बढ़ा है लेकिन विकास कार्य के लिये अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाये गये हैं।


स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में केन्द्रीय गाइड लाइन का पालन करते हुए शहर के कुछ वार्डों को शामिल किया गया है, जहां विकास कार्य किए जा रहे हैं। इधर शहर से जुड़े जिन गांवों को निगम में शामिल किया गया है वहां मूलभूत समस्या से लोग जूझ रहे हैं। बिजली, पानी, सड़क का हाल बेहाल है। जगह-जगह कचरों का ढेर लगा हुआ है। लिंगियाडीह में विधायक मद की राशि से दो लाख रूपये में सामुदायिक भवन का निर्माण किया गया था जो अब जर्जर हो चुका है। रख रखाव के अभाव में यह सामुदायिक भवन में कचरा अटा पड़ा हुआ है। इस भवन को पंप हाउस बनाया गया है।


नल चालू करने के लिये खिड़की में बिजली का बोर्ड लगा दिया गया है। लोग यहां नहीं जाते किंतु मवेशी करंट की चपेट में आ सकते हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि पहले ग्राम पंचायत था तो हम लोग इस भवन का शादी या फिर अन्य कार्यों के लिये ग्राम पंचायत से अनुमति लेकर उपयोग करते थे लेकिन जब से नगर निगम में ग्राम पंचायत को शामिल किया गया है तब यहां न तो साफ सफाई होती है और न ही इस सामुदायिक भवन की देखरेख हो रही है।

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