नहर निर्माण के लिए भू अर्जन हेतु विशेषज्ञ समूह ने की अनुशंसा

 

 

दो गांव के 260 एकड़ खेतों की होगी सिंचाई

नहीं होगा एक भी परिवार का विस्थापन

बिलासपुर.  कोटा राजस्व अनुविभाग के बेलगहना तहसील की डाडबछाली जलाशय योजना के नहर निर्माण के लिए 1.60 एकड़ निजी भूमि अधिग्रहण की अनुशंसा विशेषज्ञ समूह ने की है। सामाजिक समाघात दल की रिपोर्ट के आधार पर विशेषज्ञ समूह ने न्यूनतम निजी भूमि के अधिग्रहण की सिफारिश की है। इससे डाडबछाली तथा इससे लगे एक और गांव के किसानों की लगभग 260 एकड़ कृषि भूमि की सिंचाई हो सकेगी। भू-अधिग्रहण से न तो किसी परिवार का विस्थापन होगा और न ही कोई सार्वजनिक अथवा निजी अधोसरंचना को नुकसान पहुंच रहा है।
अनुविभागीय राजस्व अधिकारी एवं भू-अर्जन अधिकारी कोटा ने बताया कि डाडबछाली जलाशय योजना के नहर बन जाने से 260 एकड़ में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी। इससे गांव के अनुसूचित जनजाति, जाति एवं पिछड़े वर्ग के किसान लाभान्वित होंगे। इन किसानों की आमदनी का मुख्य जरिया कृषि कार्य एवं मजदूरी है। इसके अलावा नहर निर्माण का कार्य पूर्ण होने से निस्तारी हेतु तालाबों को भरने की सुविधा प्राप्त हो सकेगी। जिससे ग्राम के सतही जल का स्तर बढ़ेगा। विशेषज्ञ दल का यह भी मानना है कि योजना की लागत की तुलना में इसके फायदे अधिक हैं। आदिवासी अंचल में योजना के स्थित होने के कारण ज्यादातर अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों को सीधा फायदा होगा।
रिपोर्ट के अनुसार ग्राम पंचायत डाडबछाली में पूर्व में अर्जित भूमि प्रस्तावित योजना के लिए नहीं पायी गई। नहर निर्माण के लिए प्रस्तावित भूमि के विकल्प के रूप में पड़त अथवा अनुपयोगी भूमि नहीं पाये जाने का दल ने रिपोट्र किया है। ऐसी स्थिति में तकनीकी रूप से विकल्प भूमि पर विचार करने का कोई औचित्य नहीं है। प्रस्तावित नहर निर्माण की लम्बाई 510 मीटर है। एवं उतनी ही भूमि का अर्जन करने का प्रस्ताव दिया गया है जितने में नहर निर्माण का कार्य पूर्ण किया जा सके। डाडबछाली जलाशय नहर निर्माण से 260 एकड़ में सिंचाई सुविधा मिलेगी। जिसके लिए मात्र 1.60 एकड़ भूमि अर्जित किया जाना प्रस्तावित है, जो कि न्यूनतम प्रस्तावित भूमि है। भू-अर्जन से किसी भी परिवार का विस्थापन नहीं हो रहा है और न ही किसी सार्वजनिक अथवा निजी अधोसंरचना को नुकसान पहुंच रहा है।

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