गुडनाइट और भारतीय बाल चिकित्सा अकादमी ने महाराष्ट्र में आयोजित बाल रोग विशेषज्ञों के सम्मेलन में मच्छर जनित रोगों के खिलाफ संघर्ष में रोकथाम को बताया महत्वपूर्ण
मुंबई : भारत के मच्छर भगाने वाले अग्रणी ब्रांड, गुडनाइट और भारतीय बाल चिकित्सा अकादमी (आईएपी) ने महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित प्रमुख बाल रोग विशेषज्ञों के सम्मेलन, महा पेडिकॉन 2024 में मच्छर जनित रोगों के खिलाफ संघर्ष में निवारक उपायों को अपनाने की महत्वपूर्ण भूमिका पर ज़ोर दिया। महा पेडिकॉन की एक पैनल चर्चा के अंग के रूप में यह समझ उभर कर सामने आई। भारतीय बाल चिकित्सा अकादमी (इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स-आईएपी) द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में रचनात्मकता, सहयोग और देखभाल के साथ बाल चिकित्सा के भविष्य पर चर्चा करने के लिए 1300 से अधिक बाल रोग विशेषज्ञ और बाल स्वास्थ्य विशेषज्ञ इकट्ठे हुए। सम्मेलन में सिकल सेल, टाइप 1 मधुमेह और मोबाइल की लत जैसे महत्वपूर्ण बाल स्वास्थ्य मुद्दों के अलावा, मच्छर जनित बीमारियों और इसके मौजूदा खतरे पर भी चर्चा हुई।
राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बोर्न डिज़ीज़ कंट्रोल -एनसीवीबीडीसी) के अनुसार, अगस्त 2024 तक भारत में मलेरिया और डेंगू के 1,83,610 मामले दर्ज हुए। मलेरिया और डेंगू जैसी वेक्टर जनित बीमारियों का बढ़ता खतरा अब मानसून के मौसम तक ही सीमित नहीं है, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए साल भर चिंता बनी रहती है, खासकर बच्चे इस लिहाज़ से सबसे अधिक असुरक्षित हैं। बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित हो रही होती है, इसलिए जोखिम अधिक होता है। इसलिए उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना बेहद ज़रूरी है। इस तरह, गुडनाइट ने निवारक उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में बाल रोग विशेषज्ञों की भूमिका को उजागर करने के लिए भारतीय बाल चिकित्सा अकादमी द्वारा आयोजित महा पेडिकॉन के साथ सहयोग किया।
बाल स्वास्थ्य पर चर्चा के दौरान, डॉ. नितिन शाह, डॉ. विजय येवाले, डॉ. गणेश कुलकर्णी और डॉ. सुरेन्द्रनाथ जैसे वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञों के साथ-साथ गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल) की ग्लोबल हेड – आरएंडडी (घरेलू कीटनाशक), डॉ. रीना बिबल्स ने डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों में बढ़ोतरी और घरों में सुरक्षित और प्रभावी रोकथाम रणनीतियों को अपनाने के महत्व पर एक पैनल चर्चा में भाग लिया। चर्चा का संचालन आईएपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष-निर्वाचित, डॉ. वसंत खलटकर और आईएपी के विकासात्मक बाल रोग विशेषज्ञ (डेवलपमेंटल पीडियाट्रिशियन) तथा वरिष्ठ सदस्य, डॉ. समीर दलवई ने संयुक्त रूप से किया। पैनल ने घरेलू कीटनाशक उत्पादों के आवश्यक सुरक्षा पहलुओं पर चर्चा की, जिसमें सरकार द्वारा अनुमोदित, कानूनी और सुरक्षित विकल्पों की पहचान कैसे करें, साथ ही परिवार के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए जिम्मेदार उपयोग के सर्वोत्तम तरीके शामिल हैं।
गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड की ग्लोबल हेड – आरएंडडी (घरेलू कीटनाशक) रीना बिबल्स ने पैनल चर्चा में कहा, “हम भारतीय बाल चिकित्सा अकादमी के साथ सहयोग के ज़रिये दो लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं। पहला, मच्छर जनित बीमारियों को रोकने के लिए प्रभावी समाधानों के उपयोग के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना। गुडनाइट सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार 58% भारतीय, मच्छर भगाने वाले उत्पादों के बारे में बहुत सजग हैं, इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम उन्हें बाज़ार में उपलब्ध ऐसे निवारक समाधानों के बारे में जागरूक करें जो निर्धारित विनियमन का अनुपालन करते हैं।
रीना बिबल्स ने कहा, “दूसरी चीज़ जिस पर हम ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं, वह है चिकित्सा पेशेवरों को विनियामक अनुपालन और बाज़ार में उपलब्ध विश्वसनीय ब्रांड के मच्छर भगाने वाले उत्पादों के सुरक्षित उपयोग के बारे में जागरूकता पैदा करने की प्रक्रिया में शामिल करना। इससे उन्हें अपने रोगियों को बेहतरीन निवारक देखभाल और मार्गदर्शन प्रदान करने में मदद मिलेगी। इस श्रेणी के प्रमुख ब्रांड के रूप में, गुडनाइट ऐसे प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और बेहतर मच्छर नियंत्रण समाधान तथा उचित निवारक उपायों के बारे में अधिक जागरूकता को बढ़ावा देता है।”
प्रमुख विकासात्मक बाल रोग विशेषज्ञ और भारतीय बाल चिकित्सा अकादमी (आईएपी) के वरिष्ठ सदस्य, डॉ. समीर दलवई ने कहा, “हालांकि यह सभी को प्रभावित करता है, लेकिन बच्चे मच्छर जनित बीमारियों के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील होते हैं। साथ ही, मच्छर जनित बीमारियों के बढ़ते मामलों से परिवारों पर सामाजिक-आर्थिक बोझ भी बढ़ता है। इसलिए, रोकथाम मच्छर जनित बीमारियों से निपटने और राष्ट्र के समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का एक बुनियादी लेकिन महत्वपूर्ण पहलू है। महत्वपूर्ण बचाव तंत्र का निर्माण कानूनी और चिकित्सकीय रूप से स्वीकृत रोकथाम समाधानों के उपयोग के ज़रिये किया जा सकता है। रोकथाम को प्राथमिकता देना और स्वीकृत समाधानों को अपनाना सुनिश्चित करता है कि वे कठोर परीक्षण से गुज़रे हैं, सुरक्षित और प्रभावी के रूप में प्रमाणित हैं, और हमें अपनी भलाई को खतरे में डाले बिना खुद को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं।”
बाल रोग विशेषज्ञों के पैनल ने कहा कि मच्छर जनित बीमारियों को रोकने के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा, पर्यावरण नियंत्रण और सामुदायिक प्रयासों की आवश्यकता होगी। मुख्य समाधानों में इन्सेक्ट रेपेलेंट, मच्छरदानी और वेपोराइज़र जैसे रेपेलेंट उत्पादों का उपयोग शामिल है। मच्छरों के प्रजनन स्थल (ब्रीडिंग साईट) को कम करने के लिए पानी का जमाव दूर करना और लार्वानाशकों का उपयोग करना ज़रूरी पर्यावरणीय उपाय हैं। खिड़कियों पर जाली लगाना और फ्यूमिगेशन अभियानों में भाग लेना भी मच्छरों की आबादी को नियंत्रित करने में मदद करता है। जन जागरूकता अभियान और प्रमाणित, सुरक्षित उत्पादों का उपयोग प्रभावी रोकथाम सुनिश्चित करता है, जबकि प्राकृतिक शिकारियों (प्रेडेटर) को पेश करने जैसे जैविक नियंत्रण दीर्घकालिक प्रबंधन का समर्थन करते हैं। पैनल ने इस बात पर ज़ोर दिया कि देश भर में मच्छर जनित बीमारियों के प्रभाव को कम करने के लिए सरकार, विभिन्न संस्थानों और निजी क्षेत्र की कंपनियों के बीच सार्वजनिक-निजी भागीदारी आवश्यक है।