Google पर दिखने वाले जॉब, घर और क्रेडिट कार्ड के ऐड अब आपको नहीं करेंगे तंग


वाशिंगटन. अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) की हत्या के बाद नस्लीय भेदभाव के खिलाफ शुरू हुए अभियान के मद्देनजर टेक कंपनी गूगल (Google) ने अपनी विज्ञापन नीति में बदलाव किया है. कंपनी ने आवास, नौकरी और क्रेडिट कार्ड से जुड़े ऐसे विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है, जो किसी न किसी तरह से भेदभाव को बढ़ावा देते हैं. गूगल की यह नीति साल के अंत से लागू हो जाएगी.

कंपनी ने बताया कि वह आवास, रोजगार और क्रेडिट कार्ड विज्ञापनदाताओं को लिंग, आयु, पैरेंटल स्टेटस, वैवाहिक स्थिति और ज़िप कोड के आधार पर उपयोगकर्ताओं को लक्षित करने से रोकने के लिए अपनी विज्ञापन नीतियों को अपडेट कर रही है. लगभग एक साल पहले अमेरिकी आवास और शहरी विकास विभाग (HUD) ने भेदभावपूर्ण विज्ञापनों को लेकर फेसबुक पर कार्रवाई की थी. साथ ही गूगल और ट्विटर पर भी लगातार नजर रखी जा रही थी.

Google के प्रवक्ता एलिजा लाहल (Elijah Lawal) ने कहा, ‘हम पिछले साल से इन मुद्दों पर HUD के साथ रचनात्मक रूप से काम कर रहे हैं, और हमारा फैसला वर्तमान घटनाओं से प्रेरित नहीं है’. गुरुवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में, HUD ने गूगल के फैसले की तारीफ करते हुए अन्य ऑनलाइन विज्ञापन विक्रेताओं को उसका अनुसरण करने के लिए प्रोत्साहित किया. हालांकि, ट्विटर का कहना है कि उसके पास साझा करने के लिए कोई पॉलिसी अपडेट नहीं है.

गौरतलब है कि इससे पहले Google ने ऐसे विज्ञापनदाताओं को प्रतिबंधित किया था, जो नस्ल, धर्म, जातीयता या यौन अभिविन्यास के आधार पर अपनी टारगेट ऑडियंस को चुनते थे. हालांकि, भेदभाव की जांच कर रहे शोधकर्ताओं का कहना है कि विज्ञापनकर्ता अभी भी किसी न किसी तरह से भेदभाव को बढ़ावा दे रहे हैं.

गूगल ने अपने बयान में कहा है, ‘हम विज्ञापनों में भेदभाव से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के लिए HUD, नागरिक अधिकारों एवं आवास विशेषज्ञों और विज्ञापन उद्योग के साथ काम करना जारी रखेंगे. Google ऑनलाइन विज्ञापन के लिए उच्च मानकों को निर्धारित करने में मदद के लिए व्यापक एडवरटाइजिंग इकोसिस्टम के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है, और हम ऐसी नीतियों को निर्धारित करने का प्रयास जारी रखेंगे जो उपयोगकर्ताओं के लिए समावेश और पहुंच में सुधार करती हैं’.

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