25 से 29 जुलाई तक शासकीय दफ्तर रहेगे बंद, कामकाज होगे प्रभावित

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन सम्भागीय मुख्यालय बिलासपुर जिला के सह संयोजक और छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी स़घ के जिलाध्यक्ष उपप्रान्ताध्यक्ष पी.आर.कौशिक वरिष्ट उपाध्यक्ष देवेन्द्र पटेल ,तखतपुर अध्यक्ष चन्द्रशेखर पाण्डेय और छत्तीसगढ प्रगतिशील पेंशनर्स कल्याण संघ के प्रान्ताध्यक्ष आर.पी.शर्मा द्वारा एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी गई।फेडरेशन के घटक संघ के  उक्त पदाधिकारियो द्वारा यह बताया गया कि छत्तीसगढ़ के वर्तमान सरकार द्वारा प्रदेश के लगभग पांच लाख कर्मचारियो और पेशनरो के साथ वर्षो से केन्द्र और राज्य सरकारो से कर्मचारी संघो के साथ हुये समझौतो कि जब जब मंहगाई बढ़ेगा केन्द्र सरकार जैसे जैसे मंहगाई भत्ता अपने केन्द्रीय कर्मचारियो और पेशनरो का बढायेगा तब तब  राज्य सरकार भी अपने कर्मचारियो और पेशनरो का मंहगाई भत्ता बढ़ायेगी लेकिन वर्तमान छत्तीसढ़ मे कांग्रेस की भूपेश सरकार द्वारा इस समझौते को नजर अंदाज कर रही है वर्तमान मे केन्द्र के कर्मचारी 43% मंहगाई भत्ता पा रहे है और जुलाई से फिर बढ़ोत्तरी हो रही है .वही छत्तीसगढ  मे यह 22% मिल रहा है।जबकि छत्तीसगढ़ मे ही आईएस, आईपीएस,आईएफस के अधिकारियों को सरकार केन्द्र के समान देय तिथि से मंहगाई भत्ता और अन्य सुविधा दे रही है। छत्तीसगढ़ के कर्मचारी अधिकारियो के मकान किराया भत्ता  2017 से सातवां वेतनमान के अनुसार पुनरीक्षण,मकान भत्ता भी लम्बित है,जो बिना मांगे मिलना था इसी तरह वर्तमान सरकार के चुनावी घोषणा पत्र मे दैनिक वेतन वेतन भोगी,संविदा अनियमित कर्मचारियो के नियमितिकरण की चुनावी घोषणा पत्र के वायदे भी सरकार के चार साल पूरा होने को है लम्बित है आज सभी वर्ग के कर्मचारी अधिकारी इसी से आक्रोशित होकर एक बैनर के तले लाम बंद होकर हडताल का अंतिम निर्णय ले चुके है ओर दिनांक 25/7/2022 से 25/7/2022 तक पांच दिवस का निश्चित कालिन हडताल मे जाने की तैय्यारी कर चुंके है यह तो कहने को पांच दिन है लेकिन इसके आगे पीछे दो शनिवार और दो रविवार भी पड़ेगा इस तरह पूरे प्रदेश भर मे 9 दिन सभी शासकीय दफ्तर बंद रहेगे।कर्मचारी नेता देवेन्द्र पटेल और फेडरेशन ने प्रदेश के सभी आम जनो से विनम्र आग्रह किया है कि कोविड 19 के सक्रमण काल मे शासकीय स़ंस्थान अस्पताल और कर्मचारियो ने जान जोखिम मे डाल कर शासकीय संस्थाओ की विश्वसनियता को बनाये रखा और दो साल तक अपनी हकदारी को भी सरकार से न मांग कर प्रदेश हित और जनता के हित मे काम किया .और सरकार  के समक्ष अपनी बात को समय समय पर रखा लेकिन सरकार द्वारा हठधर्मिता दिखाई गई और वादाखिलाफी भी किया जाता रहा है जिसके कारण कर्मचारी अधिकारियो की धैर्यता जवाब दे गई है और इसी कारण हड़ताल मे जाने को बाध्य है।इसलिये 25/7/2022 के पूर्व अपने शासकीय कार्यालयो के सभी जरूरी कार्य निपटा लें ताकि किसी प्रकार के कोई असुविधा ना हो संघ पदाधिकारियो द्वारा प्रदेश के सभी कर्मचारी अधिकारियो से भी अपील की गई है कि हड़ताल मे स्वस्फूर्त सम्मिलित होकर अपनी चट्टानी एकता का परिचय दे।

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