11 वर्षों में भारत ने बदलाव की नई परिभाषा लिखी : मोदी
नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को अपनी सरकार के 11 वर्षों की यात्रा का मूल्यांकन करते हुए देशवासियों को विश्वास दिलाया कि यह एक “सुशासन और समावेशी विकास” की गाथा रही है। उन्होंने कहा कि भारत आज केवल दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था ही नहीं, बल्कि डिजिटल नवाचार और जलवायु कार्रवाई जैसे वैश्विक मुद्दों पर भी प्रमुख आवाज बन चुका है।
यह संदेश ऐसे समय में आया है जब मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला वर्ष पूरा हो रहा है और विपक्ष सरकार पर एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों की अनदेखी के आरोप लगा रहा है।
मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक विस्तृत पोस्ट में बताया कि बीते 11 वर्षों में सरकार ने गरीबों, वंचितों और आम नागरिकों के जीवन को आसान बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किए हैं। उन्होंने लिखा:
“हमारी हर योजना का केंद्र बिंदु आम नागरिक का कल्याण रहा है – उज्ज्वला, आयुष्मान भारत, पीएम आवास, जनऔषधि या पीएम किसान – इन योजनाओं ने देशवासियों की उम्मीदों को नए पंख दिए हैं।”
प्रधानमंत्री द्वारा साझा किए गए लिंक में सरकार की प्रमुख उपलब्धियों को रेखांकित किया गया :
- 81 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन
- 15 करोड़ घरों में नल जल कनेक्शन
- 4 करोड़ से अधिक आवास गरीबों के लिए
- 12 करोड़ शौचालय
- 68 लाख रेहड़ी-पटरी वालों को ऋण
- 52.5 करोड़ छोटे उद्यमियों को लोन
- 20 करोड़ महिलाओं को कोविड राहत के दौरान नकद सहायता
विकासवाद को बनाया मुख्यधारा की राजनीति
प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी संदेश में कहा गया कि “विकासवाद” को भारतीय राजनीति की मुख्यधारा में लाकर मोदी ने देश में नीति और बहस दोनों का केंद्र बदल दिया है। 2014 से सत्ता संभालने के बाद से ‘भारत प्रथम’ की भावना हर निर्णय की बुनियाद रही है।
सामाजिक प्रतिनिधित्व और सत्ता में भागीदारी
मोदी सरकार ने सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा दावा भी किया है। पोस्ट के मुताबिक, वर्तमान केंद्रीय मंत्रिपरिषद में 60% मंत्री एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों से आते हैं – जो अब तक का सबसे बड़ा प्रतिनिधित्व है। यह संदेश विपक्ष द्वारा लगातार लगाए जा रहे पिछड़े वर्गों की उपेक्षा के आरोपों का सीधा जवाब माना जा रहा है।