November 25, 2024

iPhone के लालच में CBI के इंस्‍पेक्‍टर ने लीक की खुफिया जानकारी!


मुंबई. सीबीआई (CBI) के एक सब-इंस्पेक्टर ने केवल एक iPhone के बदले अपना ईमान बेच दिया. आरोप है कि उसने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के खिलाफ चल रही जांच की आंतरिक जानकारी और सबूत उनके वकील को मुहैया करवा दिए. जब मामले का खुलासा हुआ तो सीबीआई ने आरोपी सब-इंस्पेक्टर और देशमुख के वकील को अरेस्ट कर लिया.

परमबीर सिंह ने लगाए थे वसूली के आरोप

बताते चलें कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र सरकार के तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) मुंबई में 100 करोड़ रुपये की वसूली करवाने के आरोप लगाए थे. परमबीर सिंह ने कहा था अनिल देशमुख ने बर्खास्त असिस्टेंट सब इस्पेक्टर अनिल वझे को नौकरी पर बहाल करने के बदले हर महीने 100 करोड़ रुपये की मांग की थी. इस आरोप के बाद मामला बॉम्बे हाई कोर्ट गया था. जहां इस मामले की जांच करने के लिये सीबीआई को कहा गया था.

सीबीआई (CBI) ने बॉम्बे हाई कोर्ट के 5 अप्रैल 2021 को दिए आदेश के बाद 6 अप्रैल को केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी. जांच का जिम्मा सीबीआई के डिप्टी एसपी आर एस गुंज्याल को सौंपा गया था. जो सब-इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी समेत अपनी टीम के साथ मुंबई गए.

जांच टीम ने 16 अप्रैल को सीनियर्स को सौंपी रिपोर्ट

सीबाईआई (CBI) ने 14 अप्रैल को अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) से पूछताछ के बाद अपनी जांच रिपोर्ट 16 अप्रैल को सीनियर अधिकारियों को सौंपी. जिसके बाद सीनियर अफसरों के आदेश पर 21 अप्रैल को इस मामले में FIR दर्ज कर ली गई. इस जांच से जुड़े सभी दस्तावेज और अहम जानकारियां सब इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी के पास भी थी. जांच के दौरान ही आरोपी अनिल देशमुख के वकील आनंद दिलिप डागा के संपर्क में आया.

सब-इंस्पेक्टर ने iPhone के बदले बेच दिया ईमान?

सीबीआई (CBI) के मुताबिक जांच के लिये सब इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी 28 जून को पुणे में गया. वहां अनिल देशमुख के वकील आनंद डागा ने iPhone 12 Pro रिश्वत के तौर पर दिया. इसके बदले में उसने जांच से जुड़ी सभी जानकारियां मांगी, जिसे अभिषेक तिवारी पूरा करता रहा. जांच के मुताबिक अभिषेक ने जांच से जुड़ी सभी अहम जानकारियां और अहम दस्तावेज इसी iPhone से अनिल देशमुख के वकील तक Whatsapp के जरिए पहुंचाए.

देशमुख के वकील और दामाद ने लीक की रिपोर्ट

इस मामले का पता नहीं चलता, अगर अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) का वकील आनंद डागा और दामाद गौरव सीबीआई की आतंरिक रिपोर्ट को लीक नहीं करते. वकील और देशमुख के दामाद गौरव ने सोचा था कि लीक करने के बाद मामला उनके पक्ष में जाएगा लेकिन इसके बाद अनिल देशमुख के वकील की जांच को प्रभावित करने की साजिश का खुलासा हो गया.

वकील और दरोगा किए गए गिरफ्तार

इसके बाद सीबीआई ने कार्रवाई करते हुए अपने ही सब इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी और वकील आनंद दिलिप डागा को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में अनिल देशमुख के दामाद गौरव चतुर्वेदी से भी पुछताछ की गई थी.

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