Biden संग मीटिंग में PM Modi ने दिया रिश्तों में मजबूती का ‘5T’ मंत्र, जानें क्या है ये?
वॉशिंगटन. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के साथ मीटिंग में दोनों देशों के रिश्तों पर बातचीत की. उन्होंने कहा कि इंडो-यूएस साझेदारी लगातार मजबूत हो रही है और हमें इसे एक नई ऊंचाई पर ले जाना है. इस दौरान, प्रधानमंत्री ने भारत-अमेरिका संबंधों की रूपरेखा को फिर से परिभाषित करते हुए ‘5T’ की अवधारणा पर जोर दिया.
‘मजबूत होंगे Relationship’
पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि ‘5T’ यानी परंपरा, प्रतिभा, प्रौद्योगिकी, व्यापार और संरक्षण (Tradition, Talent, Technology, Trade & Trusteeship) के कंसेप्ट के साथ हम दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत कर सकते हैं. व्हाइट हाउस में मीटिंग के दौरान पीएम ने आगामी दशक में भारत-अमेरिका संबंधों पर अपना दृष्टिकोण साझा करते हुए यह बात कही.
Youth पर जताया भरोसा
द्विपक्षीय संबंधों के बारे में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों की युवाशक्ति हमारे रिश्तों को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभा सकती है. उन्होंने प्रवासी भारतीयों के योगदान की भी सराहना की. पीएम ने दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि हमें एक-दूसरे की जरूरत को समझना होगा और एक-दूसरे की क्षमता को स्वीकारते हुए उसका सम्मान करना होगा.
Gandhi का भी किया जिक्र
पीएम मोदी ने जहां मीटिंग में कई अमेरिकी कंपनियों के लिए दरवाजे खोलने और आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने की बात कही. वहीं, विकास के लिए भविष्य की प्रौद्योगिकी के महत्व को भी परिभाषित किया. इस मीटिंग में प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी की ट्रस्टीशिप अवधारणा के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा, ‘अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने महात्मा गांधी की जयंती का जिक्र किया. महात्मा गांधी ने ट्रस्टीशिप के बारे में बात की, एक अवधारणा जो आने वाले समय में हमारे ग्रह के लिए बहुत महत्वपूर्ण है’.
PM ने की Biden की तारीफ
PM Modi ने आगे बोलते हुए कहा कि ये दशक उस ट्रस्टीशिप के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है, महात्मा गांधी हमेशा इस बात की वकालत करते थे कि इस प्लेनेट के हम ट्रस्टी हैं. ये ट्रस्टीशिप की भावना भी भारत और अमेरिका के बीच के संबंधों में बहुत अहमियत रखेगी. प्रधानमंत्री ने बाइडेन की तारीफ करते हुए कहा, ‘मैं देख रहा हूं कि इस दशक में आपके नेतृत्व में हम जो बीज बोएंगे वो भारत-अमेरिका के साथ-साथ पूरे विश्व के लोकतांत्रिक देशों के लिए बहुत ही ट्रांसफॉर्मेटरी रहेगा’.