कोयला खदानों के विस्तार से घरेलू ऊर्जा आपूर्ति को बढ़ावा, मानिकपुर खदान में उत्पादन वृद्धि की योजना

 

 

बिलासपुर. केंद्र सरकार घरेलू ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए देश भर में कोयला खदानों का विस्तार कर रही है और खनन क्षमता को बढ़ाने की दिशा में कई कदम उठा रही है। गेवरा, दीपका और कुसमुंडा खदानों के बाद अब मानिकपुर खदान के विस्तार पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिसके तहत सालाना 7 मिलियन टन कोयला उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है। इस विस्तार प्रस्ताव को एसईसीएल के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने अपनी मंजूरी दे दी है।

वर्तमान समय में मानिकपुर खदान की उत्पादन क्षमता 5.25 मिलियन टन है, और अब इसे बढ़ाकर 7 मिलियन टन करने की योजना बनाई गई है। इस विस्तार से संबंधित प्रस्ताव को एसईसीएल के मुख्यालय से स्वीकृति मिल चुकी है, और इसे अब पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त करने के लिए भेजा जाएगा। एक बार केंद्र सरकार से अनुमोदन मिलने के बाद इस परियोजना पर कार्य शुरू किया जाएगा।

मानिकपुर खदान कोरबा क्षेत्र में स्थित है, और यह सरायपाली तथा अंबिका से अधिक बड़े आकार की है। भविष्य में इस खदान का विस्तार भिलाई खुर्द क्षेत्र की दिशा में किया जाएगा। इसके लिए कंपनी द्वारा आवश्यक भूमि का अधिग्रहण पहले ही पूरा कर लिया गया है और स्थानीय स्तर पर खदान विस्तार की तैयारियां भी जारी हैं। हालांकि, भिलाई खुर्द-2 के लोग नई स्थानांतरण योजना से सहमत नहीं हैं, और इस मुद्दे को लेकर खदान विस्तार में कुछ बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं। इसके साथ ही कचांदी नाला के बहाव को मोड़ने की एक और चुनौती कंपनी के सामने है। अगर इन दोनों समस्याओं का समाधान सफलता पूर्वक किया जाता है, तो मानिकपुर खदान के विस्तार की प्रक्रिया को तेज किया जा सकेगा, जिससे देश की ऊर्जा आपूर्ति में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।

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