Indian Air Force में बढ़ती Rafale की संख्या से दहशत में China, अपने Fighter Jets को अपग्रेड करने में जुटा


बीजिंग. सीमा विवाद (Border Dispute) के बीच भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) अपनी ताकत में लगातार इजाफा कर रही है. मार्च तक वायुसेना के बेड़े में कुछ और रफाल (Rafale) शामिल होने की उम्मीद है. भारत के पास अभी 11 रफाल एयरक्राफ्ट हैं, जिसकी संख्या मार्च तक बढ़कर 17 हो जाएगी. भारतीय वायुसेना में फाइटर जेट रफाल की बढ़ती संख्या से चीन (China) घबरा गया है. रफाल से मुकाबले के लिए वह अपने J-20 स्टील्थ लड़ाकू विमान को अपग्रेड करने में जुट गया है.

फिट कर रहा नया Engine
चीन (China) के शुरुआती J-20 लड़ाकू विमानों (Fighter Jet) में रूसी इंजन लगा हुआ है. चीन इस इंजन को स्थानीय स्तर पर बनाए गए अधिक उन्नत इंजन के साथ बदलने की योजना पर काम कर रहा है. इतना ही नहीं, खबर ये भी है कि J-20 ट्विन-सीटर में अभी लगे WS-10 को भविष्य में अधिक शक्तिशाली WS-15 इंजन से बदला जा सकता है. चीन ने अब तक कुल 50 J-20 लड़ाकू विमान का निर्माण किया है. इनमें से कुछ भारत और साउथ चाइना सी के मोर्चे पर तैनात हैं.

J-20 से बेहतर है हमारा Rafale
चीन अब जितने भी J-20 फाइटर जेट बना रहा है उसमें वह खुद के विकसित इंजन का उपयोग कर रहा है. बीजिंग को लगता है कि उसका बनाया J-20 हर मोर्चे पर रफाल के खिलाफ शक्तिशाली साबित होगा. हालांकि, ये बात अलग है कि चीन का J-20 और पाकिस्‍तान का JF-17 दोनों लड़ाकू विमान रफाल के आगे कुछ भी नहीं हैं. चीनी J-20 की मुख्य भूमिका स्‍टील्‍थ फाइटर की है, जबकि रफाल को कई कामों में लगाया जा सकता है. J-20 की बेसिक रेंज 1,200 किलोमीटर है, जिसे 2,700 किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है. इसके जवाब में रफाल की रेंज 3,700 किलोमीटर है और यह अपने साथ चार मिसाइल ले जा सकता है. इसके अलावा, रफाल का विंगस्‍पैन केवल 10.90 मीटर है, जो इसे पहाड़ी इलाकों में उड़ने के लिए आदर्श एयरक्राफ्ट बनाता है.

Pakistan भी हुआ बेचैन
भारत की बढ़ती सैन्य शक्ति से पाकिस्तान भी बेचैन है. उसे रफाल के साथ-साथ मीटिओर, माइका जैसी मिसाइलों और भारत के एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने परेशान कर रखा है. बता दें कि पाकिस्तानी वायुसेना वर्तमान में अपने 124 जेएफ-17 फाइटर जेट पर ही निर्भर है. इसके अलावा उसके पास 40 से भी कम संख्या में एफ -16 और मिराज फाइटर जेट हैं. पाकिस्तान इस मामले में काफी हद तक चीन पर निर्भर है. कुछ समय पहले दोनों देशों ने संयुक्त युद्धाभ्यास भी किया था.

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