अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस – महिलाएं समाज की वास्तविक वास्तुकार होती हैं : योग गुरु महेश अग्रवाल

भोपाल. आदर्श योग आध्यात्मिक केंद्र स्वर्ण जयंती पार्क कोलार रोड़ भोपाल के संचालक योग गुरु महेश अग्रवाल ने बताया कि  8 मार्च को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है, इस साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम तय की गई है- ‘एक सशक्त विश्व में समानता पर आधारित दुनिया.’
योग गुरु अग्रवाल ने बताया कि योग के इतिहास के प्रारम्भ से ही स्त्रियों की प्रमुख भूमिका रही है, उनमें से अनेक तो सन्त और गुरु भी हुई हैं। शिव को तन्त्र एवं योग का अधिष्ठाता एवं गुरु भी माना जाता है। उनके प्रथम शिष्य  पार्वती, उनकी प्रतिरूप पत्नी या शक्ति थे । यदि आप तन्त्र की पुस्तकें पढ़ें तो पायेंगे कि उनका आरम्भ ‘पार्वती ने पूछा’ से ही होता है। इस प्रकार तन्त्र और योग का ज्ञान सर्वप्रथम एक स्त्री को ही प्रदान किया गया। योग की संस्कृति में जब किसी सम्बन्ध का उल्लेख किया जाता है तो पहले स्त्री का नाम लिया जाता है। हम ‘राम-सीता’ नहीं, बल्कि ‘सीता-राम’, या ‘कृष्ण-राधा’ नहीं, बल्कि ‘राधा-कृष्ण’ या ‘शंकर-गौरी’ नहीं, बल्कि ‘गौरी-शंकर’ कहते हैं। यदि नारियाँ अधिक संख्या में गुरु बनें तो संसार में दया, प्रेम, सौन्दर्य एवं समझदारी का जीवन होगा । तंत्र में नारी को प्रथम गुरु माना गया है ।
आध्यात्मिक क्षेत्र में स्त्री की भूमिका तो पारिभाषित की गई, किन्तु आधुनिक संस्कृतियों में स्त्रियों की स्थिति इससे बहुत भिन्न है। सम्पूर्ण विश्व में लोग अपने अपराध और पाप से लड़ रहे हैं। यदि आप स्त्रियों की सम्माननीय आद्य अवस्था को पुनर्जीवित करना चाहते हैं तो आपको अपनी मनोवृत्ति में पूर्ण परिवर्तन लाना होगा। वस्तुत: सामाजिक संरचना को धार्मिक वास्तविकताओं की नयी अवधारणा का ऐसा आधार देना होगा जिसमें मनुष्य के आध्यात्मिक विकास में स्त्री की भूमिका को अच्छी तरह समझा और स्वीकार किया गया हो। नये समाज के उद्भव के लिए यह परम आवश्यक है।

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