मथुरा व्यापारी के नौकर की हत्या करने वाले दोनों आरोपीगण को आजीवन कारावास की सजा
सागर. मथुरा व्यापारी के नौकर विजयपाल की हत्या करने वाले आरोपीगण टिंकू उर्फ श्याम नामदेव एवं सोनू उर्फ सन्ना उर्फ शैतान अहिरवाऱ को न्यायालय द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश जिला-सागर शिवबालक साहू की न्यायालय ने दोषी करार देते हुये दोनों आरोपीगण को भा.दं.सं. की धारा-302 के तहत आजीवन कारावास तथा 5000/- रूपये का अर्थदंड एवं धारा 324 के तहत 03 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 2000/- रूपयेे अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया । मामले की पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी, श्री सौरभ डिम्हा ने की ।
जिला अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने बताया कि फरियादी गौरव अग्रवाल ने रिपोर्ट लेख कराई कि सोने चॉदी का व्यापार करता हूॅ मथुरा में रहता हॅेू किराये से बिहारीजी मंदिर के पीछे सागर में किराये से कमरा लिये हूूॅ। दिनॉक 22.09.2016 के 23ः15 बजे फरियादी रात में मार्केट से घर आया तो उसका कर्मचारी विजय पाल घर पर था फरियादी ने दरवाजा खटखटाया तो विजय पाल ने दरवाजा खोला । फरियादी अंदर जाने लगा तो इतने में दो अज्ञात व्यक्ति पीछे से आये तो फरियादी ने पूछा कि कौन है तो उन्होंने पिसी लाल मिर्च फरियादी एवं उसके कर्मचारी विजयपाल की आखों में मारी, फरियादी तथा कर्मचारी विजयपाल ने उन्हें पकड़ा तो वो फरियादी तथा विजयपाल को चाकू से मारने लगे । फरियादी को सिर ,दाहिने हाथ की अंगुली , कल्हाई एवं दाहिने पैर में चोट आई तथा विजयपाल को भी चाकू से मारा जो सीने में लगा, फरियादी जोर-जोर से चिल्लाया बचाओ-बचाओं तो दोनों वहॉ से भाग गये । फरियादी ने मुॅह धोया तो देखा विजयपाल खून मे ंलथपथ जमीन पर पड़ा था उसके पास ही चाकू पड़ा था खूना काफी बह गया था। विजयपाल को अस्पताल में भर्ती किया गया जहॉ डॉक्टर द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया गया। थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान सी.सी.टी.व्ही फुटेज ,सीडीआर, टावर लोकेशन के आधार पर आरोपियों की तलाश की गई,साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-मोतीनगर जिला-सागर द्वारा भादवि की धारा 452, 324, 302,34 का अपराध आरोपीगण के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत न्यायालय द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश जिला-सागर शिवबालक साहू की न्यायालय ने दोषी करार देते हुये दोनों आरोपीगण को भा.दं.सं. की धारा-302 के तहत आजीवन कारावास तथा 5000/- रूपये का अर्थदंड एवं धारा 324 के तहत 03वर्ष के सश्रम कारावास तथा 2000/- रूपयेे अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है।