January 30, 2025

सिर पर पत्थर पटक-कर हत्या करने वाले आरोपीगण को आजीवन सश्रम कारावास

सागर । सिर पर पत्थर पटक-कर हत्या करने वाले आरोपीगण कृष्णा बाधवानी एवं अज्जू उर्फ अजय यादव को भा.द.वि. की धारा- 302/34 के तहत आजीवन सश्रम कारावास एवं दो-दो हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से अपर-सत्र न्यायाधीष/विशेष न्यायाधीश (विद्युत अधिनियम) प्रषांत सक्सेना जिला-सागर की अदालत नेे दंडित किया ।  मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में विषेष लोक अभियोजक सौरभ डिम्हा ने की ।
जिला अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने बताया कि दिनॉक 07.01.2023 को फरियादी निवासी-सिंघी कालोनी थाना मोतीनगर में सूचना दी कि उसके चाचा जिसकी शादी नहीं हुई है जो नित्ती उर्फ विजय लोधी के साथ उसी के घर पर पिछले डेढ़ वर्ष से रह रहे थे आज दिनॉक को सुबह 9ः00 बजे उसके दोस्त दीपक मनवानी ने उसे फोन कर सूचना दी कि उसके चाचा सुदामा मनवानी इंद्रजीत दुबे के  प्लाट पर मृत अवस्था में पड़े है उसके सिर मे ंकान के पास घाव  है खून निकल रहा है गले में नायलोन की रस्सी लिपटी हुई है मोहल्ले के कृष्णा सिंधी और अज्जू उर्फ अजय से सुदामा मनवानी एवं नित्ती उर्फ विजय की पुरानी बुराई चल रही है उसे शक है कि इसी बुराई के चलते कृष्णा एवं अज्जू उर्फ अजय ने  06 एवं 07/01/2023 की दरमयानी रात को उसके चाचा की हत्या कर दी । सूचना पर थाना मोतीनगर में मर्ग पंजीबद्ध किया गया , घटना स्थल पर मौजूद साक्षियों के समक्ष घटना स्थल का निरीक्षण किया गया मृतक सुदामा के शव को पोस्टमार्टम के लिये जिला चिकित्सालय, सागर भेजा गया, घटना स्थल से फिंगर प्रिंट एफएलसएल  की टीम द्वारा महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित की गई । घटना स्थल से जप्ती की कार्यवाही की गई , प्रथम दृष्टया हत्या का मामला होने पर आरोपी कृष्णा एवं अज्जू के विरूद्ध धारा- 302/34 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख कर मामला विवेचना में लिया गया । विवेचना के  दौरान साक्षियों के कथन लेखबद्ध किये गये, आरोपीगण को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की गई । घटना स्थल से जप्त वस्तुओं को एफएसएल शाखा सागर भेजा गया , फिंगर प्रिंट की टीम  द्वारा भी अपनी रिपोर्ट भेजी गई। थाना-मोतीनगर द्वारा धारा 302/34, भा.दं.सं. के अंतर्गत आरोपी कृष्णा बाधवानी तथा अज्जू उर्फ अजय यादव के विरूद्ध विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा मामले में 20 अभियोजन साक्षियों को परीक्षित कराया गया एवं दस्तावेजों को प्रदर्षित एवं विवेचना के दौरान जप्तषुदा सामग्री को भी आर्टिकल कराया गया व तर्क प्रस्तुत किये गये । अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहॉ विचारण उपरांत अपर-सत्र न्यायाधीष/विशेष न्यायाधीश (विद्युत अधिनियम) श्रीमान प्रषांत सक्सेना जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपीगण को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया।

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