जन जन में योग कार्यक्रम महामाया नगरी में सम्पन्न

बिलासपुर. अटल बिहारी वाजपेई विश्व विद्यालय बिलासपुर द्वारा आज अटल बिहारी वाजपेई विश्व विद्यालय बिलासपुर और मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान न ई दिल्ली व आयुष मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में “जन जन पर योग” विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया।यह कार्यक्रम दो चरणों में आयोजित कि गई । प्रथम चरण में प्रातः सात से साढे आठ बजे तक योग प्रोटोकॉल प्रदर्शन किया गया जिसमें लगभग तीन सौ लोगों ने सामूहिक रूप से योग किया। दुसरे चरण में साढ़े नौ बजे से बारह बजे तक योग विचार यज्ञ का आयोजन हुआ जिसमें वक्ता ओ ने योग पर अपने विचार रखे। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि  ज्ञानेश शर्मा अध्यक्ष छत्तीसगढ़ योग आयोग और विशिष्ट अतिथि में  रविन्द्र सिंह सदस्य छत्तीसगढ़ योग आयोग तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता  कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ बाजपेई ने किया। योग वक्ता के रूप में डॉ हरे राम पांडेय इन्दिरा गांधी जनजाति विश्व विद्यालय अमरकंटक मध्यप्रदेश, डॉ मृत्युंजय राठौर सह प्राध्यापक एम्स रायपुर, डॉ विद्याभूषण पांडेय रीडर, शासकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय बिलासपुर थे। कार्यक्रम समन्वयक विश्व विद्यालय के कुलसचिव  शैलेन्द्र दुबे,  गौरव साहू विभागाध्यक्ष योग विज्ञान विभाग अटल बिहारी वाजपेई विश्व विद्यालय,  मोनिका पाठक अनुदेशक योग विज्ञान विभाग अटल बिहारी वाजपेई विश्व विद्यालय,  सत्यम तिवारी अनुदेशक योग विज्ञान विभाग अटल बिहारी वाजपेई विश्व विद्यालय बिलासपुर थे। प्रातः सात बजे से यह कार्यक्रम महामाया मंदिर रतनपुर के प्रांगण में प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम का संचालन  सत्यम तिवारी अनुदेशक योग विज्ञान विभाग अटल बिहारी वाजपेई विश्व विद्यालय में किया। स्वागत भाषण देते हुए  गौरव साहू ने सभी अतिथियों का अभिनंदन किया और कार्यक्रम की रूपरेखा रखीं। सर्वप्रथम विशिष्ट अतिथि  रविन्द्र सिंह सदस्य छत्तीसगढ़ योग आयोग ने अपने उद्बोधन में कहा कि योग न केवल शरीर को निरोगी रखता है अपितु यह लोगों को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बना कर रोजगार प्रदान करने में सहायक है। मुख्य अतिथि ज्ञानेश शर्मा  ने अपने उद्बोधन में कहा कि व्यक्ति के लिए जीवन की सबसे बड़ी चुनौती स्वस्थ रहना, निरोगी रहना और खुशहाल रहना है और यह योग से ही संभव है। उन्होंने आह्वान किया कि योग को अपने जीवन का अनिवार्य अंग बनाएं। उन्होंने बताया कि योग आयोग छत्तीसगढ़ के द्वारा सम्पूर्ण प्रदेश में योग के प्रति जागरूकता का माहौल बनाया जा रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे  कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ बाजपेई  ने अपने उद्बोधन में कहा कि “योग रक्षित रक्षिता” योग शरीर और मन को स्थिर करता है इसके अतिरिक्त आपके अंदर की सोये हुए शक्तियों को जागृत करने का कार्य करतीं हैं। उन्होंने योग आयोग छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष से अपने विचार व्यक्त किए कि यदि योग आयोग नोडल एजेंसी के रूप में अटल बिहारी वाजपेई विश्व विद्यालय बिलासपुर को मान्यता दे दें तो हम इसे जन जन तक पहुंचाने का कार्य करेंगे।
कार्यक्रम के दुसरे चरण में योग वक्ताओं ने “योग विचार यज्ञ ” में अपने विचार व्यक्त किए। सर्वप्रथम डॉ विद्याभूषण पांडेय रीडर शासकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय बिलासपुर ने अपने उद्बोधन में योग और आयुर्वेद के मध्य संबंध को विस्तार से बताया उन्होंने कहा कि योग के माध्यम से वात,पित, और कफ को नियंत्रित कर निरोगी रहा जा सकता है। डॉ हरे राम पांडेय सहायक प्राध्यापक इन्दिरा गांधी जनजाति विश्व विद्यालय अमरकंटक मध्यप्रदेश ने योग के बाहय और आन्तरिक प्रभाव को विस्तार से जानकारी दी उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि योग हमारे प्राचीन मनीषियों का मानव समाज को देन जिसे संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसके महत्व को समझते हुए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाना प्रारंभ किया। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन सुश्री मोनिका पाठक अनुदेशक योग विज्ञान विभाग अटल बिहारी वाजपेई विश्व विद्यालय बिलासपुर ने किया। योग विद्यार्थींयों ने योग पिरामिड और योग के विभिन्न आसन करके वहां उपस्थित सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर कुलसचिव  शैलेन्द्र दुबे, परीक्षा नियंत्रक डॉ तरूण धर दिवान, वित्त अधिकारी अलेक्जेंडर कुजुर, डॉ यशवंत पटेल, राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ मनोज सिन्हा, शंकर यादव, प्रोफेसर उइके, डॉ जितेन्द्र मिश्रा,  आलोक शर्मा, सहित बड़ी संख्या में योग विद्यार्थी, महामाया कालेज रतनपुर के प्राध्यापक, और महामाया नगरी के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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