27 साल बाद 15 जून से बंद हो जाएगा माइक्रोसॉफ्ट का Internet Explorer
जानी-मानी सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने अपने सबसे पुराने और 27 सालों से चल रहे ब्राउज़र, इंटरनेट एक्सप्लोरर को बंद करने का फैसला किया है। कंपनी के नोटिफिकेशन के मुताबिक, Internet Explorer इस महीने की 15 जून से जनता के लिए उपलब्ध नहीं होगा। कंपनी ने कहा कि वह अपने विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के पैकेज और सपोर्ट से इंटरनेट एक्सप्लोरर को हटा रही है। माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि इंटरनेट एक्सप्लोरर को अब कंपनी के दूसरे ब्राउजर ‘माइक्रोसॉफ्ट एज’ से रिप्लेस किया जाएगा। कंपनी के मुताबिक Microsoft Edge इंटरनेट एक्सप्लोरर की तुलना में बहुत तेज, सुरक्षित और अधिक आधुनिक है।
आपको बता दें कि Internet Explorer को सबसे पहले 1995 में Windows 95 के साथ ऐड-ऑन पैकेज के रूप में लॉन्च किया गया था। सालों से इंटरनेट एक्सप्लोरर दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला ब्राउजर था। बाद में यह ब्राउजर सभी विंडोज यूजर्स के लिए फ्री कर दिया गया था। इसके बाद यह नई विंडो इंस्टॉलेशन के साथ PC में प्री-इंस्टॉल भी आने लगा।
2003 में यह ब्राउजर अपने पीक पर था। उस वक्त Internet Explorer के पास मार्केट का 95 प्रतिशत शेयर था। यानी दुनियाभर में करीब 95 फीसदी यूजर्स ब्राउजर के लिए इंटरनेट एक्सप्लोरर का इस्तेमाल कर रहे थे। मगर इसी दौरान नए इंटरनेट ब्राउजर्स मार्केट में आए, जो साल-दर-साल इसका यूजर बेस कम करते गए। खास तौर पर Google और Mozilla सहित अन्य कंपनियों के ब्राउज़र के बाद, इंटरनेट एक्सप्लोर की लोकप्रियता घटने लगी और आज 5 प्रतिशत से भी कम इंटरनेट उपयोगकर्ता इसका उपयोग करते हैं।
जब इसकी लोकप्रियता घटने लगी, तो कंपनी ने भी इस पर ध्यान देना छोड़ दिया। इस ब्राउजर में 2016 के बाद से कोई नया फीचर भी नहीं आया। माइक्रोसॉफ्ट ने Internet Explorer को छोड़कर एक नए ब्राउजर Microsoft Edge पर अपना फोकस शिफ्ट कर दिया। कंपनी ने अपने बयान में कहा कि इंटरनेट एक्सप्लोरर 11 का डेस्कटॉप वर्जन अब बंद हो जाएगा और विंडोज 10 के लिए सपोर्ट 15 जून 2022 से हटा दिया जाएगा। वहीं माइक्रोसॉफ्ट एज इन सभी जिम्मेदारियों को संभालने के लिए तैयार है।