मोदी सरकार प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में 2011 के जनगणना को नहीं मान रही है

रायपुर.  प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार अटल सरकार के समय शुरू की गई प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना को लेकर गंभीर नहीं है ईमानदारी से उक्त योजना का क्रियान्वयन नहीं कर रही है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अधिकार से देश के कई गांवों को वंचित कर उस गांव के विकास को प्रभावित कर रही है शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार की बुनियादी सुविधाओं को पहुंचने से रोक रही है जब प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना शुरू की गई तब नियम बनाया गया था। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में पूरी राशि केंद्र सरकार देगी इसके लिए सामान्य गांव में 500 की आबादी, पिछड़े इलाकों के गांवों में 250 की आबादी और नक्सली क्षेत्र की गांव में 100 की आबादी होने पर वहां अनिवार्य किया गया था। 2001 के जनगणना में जिन गांवो की आबादी पांच सौ, ढाई सौ और सौ से कम थी उन गाँवो में योजना शुरू नही की गई थी उन्ही गांवो की आबादी 2011 के जनगणना में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अनुसार हो गई है फिर भी नरेंद्र मोदी की सरकार उन गांवों को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से दूर रखी हुई है और 2021 में यदि जनगणना हो जाता तब देश के और अनेक गांव प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के दायरे में आते लेकिन मोदी सरकार पूर्ववर्ती सरकार के दौरान शुरू की गई योजनाओं को लेकर ही ईमानदार नहीं है और उस योजना का पलीता लगा रही है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार पहले से चल रही प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के नियम कायदे को पालन नहीं कर रही है और इस योजना में केंद्र की 100 प्रतिशत राशि को घटाकर केंद्र और राज्य के बीच में 60 और 40 पर्सेंट का अंशदान रख दिया है। प्रदेश के 1572 से अधिक सड़के प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत आ रही है जिसके लिए राज्य सरकार ने कई बार केंद्र सरकार को आवंटन के लिए पत्र लिखा है और योजना में लगने वाली अपने हिस्से की राशि देने की बात भी कही है लेकिन मोदी सरकार 1572 सड़कों को प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत नहीं ले रही है। भाजपा के 9 सांसद इस विषय में मौन है?

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