मोदी भाजपा के लिए गाय माता नहीं चुनावी एजेंडा

रायपुर. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी भाजपा के लिए गाय माता नहीं बल्कि चुनावी एजेंडा है। चुनाव आते ही भाजपा को गाय माता याद आती है और सत्ता मिलते ही भाजपा गौ माता को भूल जाती है एवं बीफ निर्यात करने वाले कंपनियों से चंदा लेने में मशगूल हो जाती हैं। मोदी सरकार को देश की जनता को बताना चाहिए 7 साल के कार्यकाल में उनकी सरकार ने गौ माता के लिए क्या उपाय किए हैं एवं जहां जहां भाजपा की सरकार है एवं भाजपा के गठबंधन की सरकार है। उन राज्यों में भी गौ सेवा के लिए क्या किया गया है? उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदिनाथ जो खुद को सबसे बड़ा गौ सेवक बताते हैं उसके राज्य में पशुधन के रहने खाने का प्रबंध नहीं होने के कारण गौठान जैसी सुविधा नहीं होने के कारण आम जनता परेशान है पशुधन सड़कों में खेत खलिहान में भटकने मजबूर है। पूर्व के रमन सरकार के दौरान भी छत्तीसगढ़ में गौ सेवा के नाम से भाजपा के नेता गौ माता के अनुदान को डकार जाते थे, भाजपा नेताओं के गौशाला में गौ माता की निर्मम हत्या होती थी भाजपा नेता के शगुन गौशाला में 1000 से अधिक गायों की निर्मम हत्या की गई और उसके हाड मास को बेचने की घटना हुई है। मध्यप्रदेश में भी गौ सेवा के लिए कुछ भी नहीं किया गया। किस मुंह से मोदी भाजपा की सरकार गौ माता की सेवा की बात करती है जबकि भाजपा शासित राज्यों में गौ माता के सेवा के लिए अब तक कुछ नहीं किया।

कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है भाजपा सरकार में मंत्री बीफ खाने की सलाह देते हैं। मोदी सरकार में मंत्री किरन रिज्जू, अल्फांस कन्थम मेघालय में भाजपा सरकार के मंत्री सनबोर शूलई बीफ खाने की हिमायती है। मोदी सरकार में जब बीफ खाने के सलाह देने वाले मंत्री है, ऐसे मोदी सरकार की गाय को माता कहना दो मूंही बात है। भाजपा शासित प्रदेश गोवा, मेघालय में बीफ़ की आपूर्ति की जाती है और चुनाव आते ही मोदी बड़े-बड़े मंचों के माध्यम से गौ माता की सेवा की बात कर घड़ियाली आंसू बहाते हैं देश की जनता आएसएस और भाजपा की गौ सेवा की अवधारणा को देख चुकी है और समझ भी की गाय इनके लिए सिर्फ चुनाव के दौरान ही माता स्वरूप है और चुनाव में ख़त्म होते भुल जाते है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी भाजपा को गौ सेवा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार से सीखना चाहिए जिन्होंने 3 साल में राज्य में 6000 से अधिक गोठनों का निर्माण किया, गोठान निर्माण कर पूरे प्रदेश में डेढ़ लाख एकड़ से अधिक भूमि को गौ माता के लिए आरक्षित किया गोधन न्याय योजना के माध्यम से गोबर खरीदी कर पशुपालको को आर्थिक लाभ दी इस योजना से जुड़कर 80 हजार से अधिक महिलाये स्व सहायता समूह के माध्यम से गोबर से वर्मी कंपोस्ट खाद, दींया, गोकास्ट, गोबर से पेंट,गोबर से चप्पल बनाकर आर्थिक लाभ कमा रहे हैं।सड़कों में खेत खलियान में आवारा घूम रहे पशुओं पर रोक लगी।सड़कों में पशुधन के कारण हो रही दुर्घटनाएं बंद हुई ।

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