मोदी सरकार के कुनीतियों से बढ़ी बेरोजगारी के चलते 25,000 से अधिक ने खुदकुशी की

रायपुर. राज्यसभा में बेरोजगारी के कारण आत्महत्या करने वालों के आंकड़ा पेश होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार के कुनीतियों से उतपन्न आर्थिक एवं रोजगार संकट के चलते 25 हजार लोग आत्महत्या करने मजबूर हुये। दो करोड़ रोजगार देने का वादा कर सत्ता मिलने के बाद मोदी सरकार ने देश के युवाओं के साथ धोखा किया है। मोदी की तानाशाही रवैया के चलते देश तबाह हो गया। अचानक लागू की गई नोटबन्दी, कई स्लैब में लागू की गई जीएसटी के चलते व्यापार व्यवसाय चौपट हो गया। देश बेरोजगारी के मामले में आज 45 साल पुराने स्थिति में खड़ी है। गंभीर रोजगार संकट से जूझ रही है दिन ब दिन बेरोजगारी बढ़ रही है। आम लोगो की आर्थिक हालत खराब हो रही है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने केंद्र में सरकार बनने पर प्रतिवर्ष दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था जो जुमला साबित हुआ। दो करोड़ रोजगार देना दूर की बात उल्टा अब तक करोड़ो हाथो से रोजगार छीन गया है। 23 करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा के नीचे आ गये। छोटे मंझौल व्यापारी जो रोजगार देते थे वे अब खुद कर्ज के बोझ तले दब गये है हताश और परेशान है आर्थिक तंगी के चलते आत्महत्या जैसे दुखद कदम उठा रहे है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार की योजनाएं नाम बड़े दर्शन छोटे की तरह है जोर शोर से शुरु की गई स्टार्टअप इंडिया स्किम अब तक स्टार्ट नही हो पाई है। मुद्रा योजना का मुद्रा मोदी के मित्रो तक ही पहुंच सका। आम लोगो तक सिर्फ योजना का नाम ही पहुँचा है। 20 लाख करोड़ का आत्मनिर्भर भारत पैकेज और 100 लाख करोड़ का प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना घोषणा के बाद हवा हवाई साबित हुयी। मोदी सरकार वास्तविक में खुद के द्वारा शुरू की गई योजनाओं पर ध्यान देते तो देश में रोजी रोजगार के गंभीर संकट उत्पन्न नहीं होता। देश आर्थिक मंदी के बुरे दौर से नहीं गुजरता लेकिन मोदी भाजपा की सरकार बातें बड़े-बड़े करती है और योजना को धरातल में उठाने में असफल रही है। बीते 7 साल में मोदी सरकार ने देश के युवाओं को सिर्फ जुमला सुना कर टाइम पास किया है रोजगार देने के लिए इनके पास कोई ठोस योजनाएं नहीं है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार के द्वारा शुरू की गई। रोजगार मूलक कार्यों के चलते छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय बेरोजगारी दर से आधे से भी कम है। शासकीय नौकरी स्वरोजगार और रोजगार के माध्यम से राज्य में अब तक 5लाख युवाओं को काम दिया गया है। मनरेगा और अन्य माध्यमों में भी ग्रामीण अंचलों में रोजगार की व्यवस्था की है। पूर्व के रमन सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 22 प्रतिशत से अधिक का अभी 3 प्रतिशत से नीचे है।

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