
मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत लगाये आधे से ज्यादा पौधे हो गए नष्ट
बिलासपुर/अनिश गंधर्व. मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना तहत लगाये गये आधे से ज्यादा पौधे नष्ट हो गये हैं। अरपा नदी तट पर सेंदरी में फलदार पौधों को रोपण किया गया था। रख रखाव के अभाव में यह उद्यान बंजर हो रहा है। सरकारी पैसे को बंदरबांट करने के लिये वन विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम पर संचालित योजना में जमकर घालमेल किया है। सेंदरी नदी तट पर राजस्व भूमि में बनाये गए इस उद्यान का केवल कागजों में संचालन किया जा रहा है। यहां दिन रात काम करने वाले कर्मचारियों का भी वेतन नहीं दिया गया है। वर्ष 2021 में रोपे गए पौधों की देख रेख और चौकीदारी के केवल एक ही कर्मचारी की नियुक्ति की गई है पैसे नहीं मिलने की दशा में अब तक तीन से चार लोग नौकरी छोड़ चुके हैं। वर्तमान में इस बंजर उद्यान में कार्यरत कर्मचारी को भी चार माह से वेतन नहीं दिया गया है।
नरवा-घुरवा अऊ बारी योजना को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने शुरूवाती कार्यकाल से ही सजग हैं। किंतु मुख्यमंत्री के नाम संचालित हो रहे अधिकांश योजनाओं में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के दिशा निर्देश में मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना की शुरूवात की गई है। इस योजना में वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी जमकर बंदरबांट करने में जुटे हुए हैं। वन प्रबंधन समिति का गठन भी विभाग के अधिकारी अपने लाभ के लिये करते हैं ताकि समिति के नाम पर सरकारी राशि जारी करके सारा पैसा हजम किया जा सके। तखतपुर वन परिक्षेत्र के अंतर्गत शहर से लगे सेंदरी में अरपा नदी के किनारे राजस्व भू्िरम (कुल रकबा 0.730 हे.) में मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत वर्ष 2021 में फलदार व अन्य पौधे लगाये गये थे। वन प्रबंधन समिति खरगहना , बिलासपुर वन मण्डल और छग शासन का यहां बड़ा बोर्ड लगाकर पूरे क्षेत्र को घेराबंदी कर पौधों का रोपण किया गया है। अब यह योजना सिर्फ कागजों में संचालित हो रहा है।
पौध रोपण के लिये बनाए इस उद्यान में केवल एक कर्मचारी को एक छोटा सा कमरा बनाकर तैनात किया गया है। बिना किसी अवकाश के 24 घंटे काम करने के बाद भी यहां के कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया गया। अभी तक तीन से चार कर्मचारी नौकरी छोड़कर चले गए हैं। वर्तमान में मल्हार गांव के रहने वाले एक युवक को देख रेख और चौकीदारी का जिम्मा सौंपा गया है। चार महिने से 24 घंटे काम करने वाले इस युवक को वेतन नहीं दिया गया है जिसके चलते वह भी काम छोड़कर जाने की तैयारी कर रहा है।
सी.एम.पी.डी.आई ने दिया है योगदान
सी.एम.पी.डी.आई क्षेत्रीय संस्थान-5 के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम संचालित हो रहे मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना में सहभागिता निभाते हुए अमृत कुंज बोर खनन कराया और मोटर की भी सुविधा दी । यहांं एक हजार लीटर की दो पानी टंकी उपलब्ध कराकर सुरक्षा के लिये शेड का निर्माण भी कराया है। सी.एम.पी.डी.आई क्षेत्रीय संस्थान-5 के अधिकारियों ने आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत सीएसआर मद से राशि की व्यवस्था की। उन्हें शायद यह नहीं मालूम था कि वन विभाग के अधिकारी इस योजना को केवल कागजों में संचालित करेंगे।