स्वर्णिम ईरा कॉलोनी में घटित एक नाबालिक बालिका की हत्या, अपचारी बालक को हिरासत मे

बिलासपुर. स्वर्णिम ईरा कॉलोनी में घटित एक नाबालिक बालिका की हत्या के मामले को सुलझाने मे बिलासपुर पुलिस को महत्वपूर्ण सफलता मिली है। घटना की सूचना मिलने के 03 घण्टे के भीतर पुलिस द्वारा हत्या के आरोपी नाबालिक बालक को हिरासत में लेकर अग्रिम कार्यवाही की जा रही है। पुलिस अधीक्षक बिलासपुर श्री रजनेश सिंह (भापुसे) को घटना की सूचना मिलने पर तत्काल पुलिस बल के साथ घटना स्थल पर पहुंचकर आरोपी को तत्काल गिरफ्तार करने के निर्देश दिए थे।

आज दिनांक 25.02.2025 को 10.20 बजे थाना प्रभारी निरीक्षक निलेश पाण्डेय को मोबाईल फोन के माध्यम से सूचना प्राप्त हुआ कि स्वर्णिम ईरा कॉलोनी सरकडा मे 01 नाबालिक बालिका उम्र करीब 05 वर्ष कल दिनांक 24.02.2025 के शाम करीब 07.00 बजे अपने घर से बिना बताए कहीं चली गयी थी। उसका शव आज दिनांक 25.02.2025 को स्वर्णिम ईरा कॉलोनी में निर्माणाधीन मकान क्र. 80 में मिला है।  मामले में अज्ञात आरोपी के विरूध्द अपराध धारा 103 (1) भारतीय न्याय संहिता एवं धारा 194 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के अंतर्गत मर्ग पंजीबध्द कर विवेचना प्रारम्भ किया गया।

घटना स्थल के निरीक्षण पर पाया गया कि स्वर्णिम ईरा कॉलोनी बिलासपुर मे जिस स्थान पर घटना घटित हुआ है वहां पर सैकड़ों मकान निर्माणाधीन है जिसमे 01 हजार से अधिक महिला पुरूष मजदूर अपने बच्चो के साथ रहकर काम करते है। जिस नाबालिक बालिका की हत्या हुई है उसके माता पिता भी मजदूरी करते है तथा कॉलोनी में ही बने मजदूरो के क्वार्टर में निवास करते है। घटना स्थल के निरीक्षण एवं तरीका वारदात् से पुलिस अधिकारियो को यह स्पष्ट हो गया था कि घटना को बाहर के आरोपी ने घटित नहीं किया है। बल्कि कॉलोनी मे रहने वाले ने ही घटना घटित किया है इस आधार पर पुलिस अधीक्षक बिलासपुर  रजनेश सिंह के दिशा निर्देश एवं मार्गदर्शन में कुल 05 टीमो का गठन किया गया। इनमे से 03 टीमो को कॉलोनी में रहने वालो मजदूरो एवं उनके बच्चों से पूछताछ करने हेतु, 01 टीम को कॉलोनी लगे सीसीटीवी के अवलोकन हेतु एवं 01 टीम को कॉलोनी में पूछताछ कर सूचना संकलन करने की जिम्मेदारी दिया गया।

घटना के सबंध में पूछताछ एवं तस्दीक के दौरान कॉलोनी में कार्यरत मजदूर एवं अन्य व्यक्तियों के गोपनीय तरीके से शरीरिक जांच एवं गतिविधियो पर निगाह रखा जा रहा था। जांच टीम के द्वारा ऐसे 09 संदिग्धों की पहचान की गयी जिनका गतिविधि संदिग्ध प्रतीत हो रहा था एवं शरीर पर चोट खरोच के निशान दिखाई दे रहे थे। उन संदिग्धों से कड़ाई एवं बारिकी से पूछताछ किया गया। इसी बीच सीसीटीवी कैमरा के अवलोकन से नाबालिक मृतिका को 01 नाबालिग बालक हाथ पकड़कर घटना स्थल की ओर ले जाता हुआ दिखाई दिया। उक्त नाबालिक पूर्व से ही पहचान किए गए 09 संदिग्धो मे से एक था। इस आधार पर उक्त नाबालिग बालक से पूछताछ किया गया। जिसने घटना कारीत करना स्वीकार किया है। प्रकरण मे मृतिका एवं अपचारी बालक दोनो के नाबालिग होने के कारण बाल कल्याण अधिनियम मे निर्धारित प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही किया जा रहा है। नाबालिग अपचारी बालक को हिरासत मे लिया गया है जिसे  किशोर न्याय बोर्ड में प्रस्तुत किया जा रहा है।
उक्त मामले को सुलझाने में थाना सरकंडा और एसीसीयू बिलासपुर के अधिकारी और कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

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