नस्लीय शुद्धता नहीं, नौकरी की सुरक्षा चाहिए : राहुल गाँधी

कांग्रेस ने संस्कृति मंत्रालय (Ministry of Culture) की ‘नस्लीय शुद्धता (Racial Purity)’ का अध्ययन करने की योजना के दावे वाली एक खबर को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कि इससे ज्यादा भयावह कुछ और नहीं हो सकता है. इसके साथ ही राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट किया है.

नस्लीय शुद्धता नहीं, नौकरी की सुरक्षा चाहिए: राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक अंग्रेजी अखबार की खबर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘पिछली बार जब किसी देश में ‘नस्लीय शुद्धता’ का अध्ययन करने वाला संस्कृति मंत्रालय था, तो उसका अंत अच्छा नहीं हुआ. प्रधानमंत्री जी, भारत नौकरी की सुरक्षा और आर्थिक समृद्धि चाहता है, न कि ‘नस्लीय शुद्धता’.

क्या डीएनए प्रोफाइलिंग किट ला रही सरकार?

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने जो न्यूज शेयर की उसमें कहा गया है कि संस्कृति मंत्रालय आनुवंशिक इतिहास स्थापित करने और ‘भारत में नस्लों की शुद्धता का पता लगाने’ के लिए डीएनए प्रोफाइलिंग किट और संबंधित अत्याधुनिक मशीनों को लाया जा रहा है.

इससे ज्यादा भयावह कुछ और नहीं: कांग्रेस

‘नस्लीय शुद्धता’ वाली खबर को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश (Jayram Ramesh) ने कहा, ‘संस्कृति मंत्रालय द्वारा आनुवंशिक इतिहास स्थापित करने और ‘भारत में नस्लों की शुद्धता का पता लगाने’ के लिए डीएनए प्रोफाइलिंग मशीन हासिल करने से ज्यादा भयावह कुछ और नहीं हो सकता. आनुवंशिक इतिहास एक बात है, लेकिन नस्लीय शुद्धता? यह 1930 के दशक का जर्मनी है.’

सरकार ने खबर को बताया भ्रामक और शरारतपूर्ण

वहीं दूसरी ओर, संस्कृति मंत्रालय ने ‘नस्लीय शुद्धता’ वाली खबर को ‘भ्रामक और शरारतपूर्ण’ करार दिया है. मंत्रालय ने इसको लेकर कहा कि उसका प्रस्ताव आनुवंशिक इतिहास स्थापित करने और भारत के लोगों की नस्लीय शुद्धता का पता लगाने से संबंधित नहीं है.

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