गौठान से आजीवका के खुले नए रास्ते, महिलाओं को हुई 6 लाख से अधिक की आमदनी


बिलासपुर. विकासखण्ड कोटा अंतर्गत ग्राम पंचायत शिवतराई का गौठान मल्टीएक्टिविटी सेंटर बन चुका है। कभी अपनी दैनिक जरूरतों के लिए परेशान होने वाली स्व सहायता समूह की महिलाओं के लिए सुराजी योजना एवं गोधन न्याय योजना से आजीविका से नए रास्ते खुले हंै। 16 सदस्यीय महामाया स्व सहायता समूह की महिलाओं ने साबित कर दिया है कि यदि कोई कार्य लगन से किया जाए तो उसके परिणाम सुखद ही होते है। समूह की महिलाओं ने जैविक खाद, वर्मी कम्पोस्ट, केंचुआ बिक्री, मुर्गी, बत्तख, बटेर पालन एवं मशरूम उत्पादन से अब तक 6 लाख 22 हजार से ज्यादा की आमदनी अर्जित कर ली है। गोधन न्याय योजना सही मायनों में परम्पराओं के साथ विकास की ओर अग्रसर करने वाली योजना है। महामाया स्व सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती शफीन बाई और सचिव श्रीमती जलेश्वरी ने बताया कि हमारे समूह में 16 सदस्य है। उन्होंने गौठान में 1027 क्विंटल से अधिक वर्मी खाद का निर्माण किया है। जिसे बेचकर लगभग 1 लाख 21 हजार का लाभांश अर्जित किया है। इसी प्रकार केंचुआ बेचकर 4 लाख 45 हजार 800 रूपए, बाड़ी विकास योजना से 39 हजार 480 रूपए एवं मशरूम उत्पादन से 16 हजार 250 रूपए का लाभांश अर्जित किया है। जनपद पंचायत कोटा के अधिकारी, कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग द्वारा वर्मी खाद निर्माण व बाड़ी विकास हेतु निरंतर प्रशिक्षण एवं सहयोग दिया गया है। वे कहती है कि हम सभी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली गृहणी है। इन योजनाओं के माध्यम से हम आर्थिक रूप से मजबूत हुए है। अब हम जैविक खाद तैयार करने में सक्षम हो गई है और गौठान में निरंतर इसका उत्पादन कर रहे है। श्रीमती शफीन बाई ने कहा कि छत्तीसगढ़ में मेहनतकश लोगों की कमी नहीं है बस उन्हें अवसर चाहिए और यह अवसर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विभिन्न योजनाओं के माध्यम से दे रहे है। इन योजनाओं से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है। गोधन न्याय योजना एवं सुराजी योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर बढ़े हैं।

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