सिवरेज का दंश : धंस रही है शहर की सड़कें, सरकार बदल गई लेकिन स्थिति जस की तस
बिलासपुर/अनिश गंधर्व. शहर को स्मार्टसिटी का दर्जा भले ही मिल गया किंतु आज भी बिलासपुर को खोदापुर ही कहा जाता है। सत्ता हासिल करने के लियेे कांग्रेसी नेताओं ने जमकर हल्ला बोला और सड़क धंसने पर लगातार प्रदर्शन कर आम जनता से कांग्रेस के पक्ष में वोट करने की अपील की गई बाद कांग्रेसी भूल गये। इधर आज भी सड़कों का धंसने का क्रम जारी है। भूमिगत नाली योजना के नाम पर शहरवासियों केवल झूठा सब्जबाग दिखाया गया। रिश्वत के दलदल में फंसे अधिकारी कर्मचारियों और निर्माता कंपनी पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। न ही खोदे गये सड़कों की जमीनी हकीकत को कोई समझने को तैयार नहीं है। सिवरेज कंपनी ने जिन- जिन सड़कों पर पाइप लाइन डाला है उन सड़कों से गुजरना अपनी जान जोखिम में डालने जैसा है। खोदापुर के नाम पर नेतागिरी करने वाले कांग्रेसी नेता भी चुप्पी साधे हुए हैं।
भाजपा शासन काल में बिलासपुर में भूमिगत नाली योजना के नाम पर लोगों को झूठा सब्जबाग दिखाया गया। योजना में करोड़ों रूपये पानी की तरह बहाये गये। वर्ष 2018 में कांग्रेस सत्ता में आई तो सिवरेज के अधिकारी कर्मचारी भाग निकले, काम बंद पड़ा हुआ है। किंतु सड़कों का धंसने का क्रम जारी है हालात ये हो गये है कि न तो भाजपा नेता सामने आ रहे हैं और न ही सत्ताधारी कांग्रेसी। दयालबंद मुख्य मार्ग में सड़क धंस गई है। आवागमन करने वाले लोग दुर्घटना का शिकार न हो जाये इसके लिये बेरिकेट्स लगाये गये हैं। सड़क में हुए जानलेवा गड्ढ़े को पाट दिया जायेगा लेकिन स्थिति भयानक है। इस मार्ग से दर्जनों यात्री बसें और भारी वाहन रोजाना गुजरते हैं। जिन-जिन सड़कों में सिवरेज के द्वारा पाइप लाइन डाला गया है उन सड़कों की जमीनी हकीकत पर पर्दा डाला जा रहा है। जनहित में सिवरेज की पाइप लाइन के लिये खोदे गये सड़कों को फिर से खोदकर बनाने की सख्यत आवश्कता है।