एन.एफ.एच.एस-5 की रिपोर्ट जारी : स्वास्थ्य विभाग ने किया बेहतर कार्य, संस्थागत प्रसवों की बढ़ी संख्या

बिलासपुर. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एन.एफ.एच.एस.-5) के अनुसार बिलासपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमण जैसी विषम परिस्थितियों में भी बेहतर कार्य किया है। इसका प्रतिफल यह देखने को मिला है कि जिले में संस्थागत प्रसवों की संख्या बढ़ी हैlनेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (एन.एफ.एच.एस-5) के आंकड़ों के अनुसार, जिले में 79.4 प्रतिशत प्रसव संस्थागत हो रहे है, जबकि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 के अनुसार यह आंकड़ा 77.6 प्रतिशत था।  अन्य आंकड़ों को भी देखा जाए तो उसमें अच्छे नतीजे  सामने आये हैं।

लिंगानुपात में महिलाओं ने मारी बाजी 
एनएफएचएस- 4 की रिपोर्ट की तुलना में लिंगानुपात का स्तर में काफी सुधार देखने को मिला है। रिपोर्ट के मुताबिक जिले में महिलाओं की संख्या पुरुषों की अपेक्षा अधिक हुई है।एनएफएचएस-4 की रिपोर्ट के मुताबिक बिलासपुर जिले का लिंगानुपात 1,000 पुरुषों की तुलना में 1013 महिलाओं का था जो एनएफएचएस-5 की रिपोर्ट में बढ़कर 1033 हो गया है। यानि पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की संख्या में निरंतर बढ़ोत्तरी हो रही है। लिंगनुपात का आंकड़ा सेन्सस से आँका जाता है लेकिन एन एफ एच एस सांकेतिक है|
कम उम्र में लड़कियों की शादी से लोग कर रहे तौबा
बिलासपुर जिले में एक और अच्छी बात देखने को मिली है कि यहां 18 साल से कम उम्र में लड़कियों की शादी करने से लोगों ने तौबा कर ली है। यही कारण है कि जहां एनएफएचएस- 4 की रिपोर्ट में इसका प्रतिशत 21.4 था वह एनएफएचएस- 5 की रिपोर्ट में घटकर 11.2% पहुंच गया है। इसके लिए सरकार भी लोगों को लगातार जागरूक कर रही है कि लड़कियों की शादी 18 साल से पहले बिल्कुल न करें। यह कानूनन अपराध भी है। कम उम्र में लड़की विवाह और प्रसव के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से टेयर नहीं होती है और अक्सर उसकी शिक्षा अधूरी रह जाती हैl

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