November 24, 2024

Taiwan को भी नहीं Chinese Corona Vaccine पर भरोसा, 67 फीसदी लोगों ने लगवाने से किया इनकार


ताइपे. चीन (China) की कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) पर विश्वास नहीं करने वालों में अब ताइवान (Taiwan) की जनता भी शामिल हो गई है. ताइवान के 67 फीसदी लोगों ने कहा है कि यदि उनका देश चीन से कोरोना वैक्सीन आयात करता है, तो वह इसे नहीं लगवाएंगे. हाल ही में हुए एक सर्वे में यह जानकारी सामने आई है. जिन 67 प्रतिशत लोगों ने चीनी वैक्सीन लेने से इनकार किया है उनमें से 39.9% का कहना है कि सरकार को बीजिंग से वैक्सीन के आयात पर बिल्कुल भी आगे नहीं बढ़ना चाहिए. इस सर्वे में लोगों से ताइवान के चीन और अमेरिका (America) से रिश्तों के संबंध में भी सवाल पूछे गए थे.

Vaccine पर विश्वास न करने की ये है वजह
ताइपे टाइम्स के मुताबिक, ‘फोकस सर्वे रिसर्च’ द्वारा कराए गए इस सर्वेक्षण में 24.3 प्रतिशत लोगों को चीन की कोरोना वैक्सीन से कोई तकलीफ नहीं है, लेकिन बहुमत चीनी वैक्सीन के खिलाफ है. स्ट्रेटजिक स्टडी सोसाइटी के प्रमुख और तामकांग यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर वांग कु यी (Wang Kun-yi) ने कहा कि इसकी एक बड़ी वजह यह है कि चीन ने वैक्सीन से जुड़े वैज्ञानिक आंकड़े उपलब्ध नहीं कराए हैं. बता दें कि चीन की वैक्सीन को लेकर कई देशों में सवाल खड़े हो चुके हैं.

America पर नहीं है भरोसा
सर्वे में जब लोगों से यह पूछा गया कि क्या ताइवान और चीन द्वारा कोई उद्देश्यपूर्ण बातचीत शुरू किए जाने की उम्मीद है, तो इस पर 77.9 प्रतिशत ने हां में जवाब दिया. वहीं 13.7 फीसदी ने कहा कि इसकी कोई उम्मीद नहीं है. इस सर्वेक्षण में एक बात यह भी सामने आई कि अधिकांश लोगों में अमेरिका को लेकर भी अच्छी सोच नहीं है. 21.3% लोगों ने कहा कि ताइवान की रक्षा में सहायता को लेकर अमेरिका गंभीर है, जबकि 61.1 प्रतिशत ने कहा कि यूएस ताइवान के शोषण का इरादा रखता है.

Joe Biden से हैं उम्मीदें
स्ट्रेटजिक स्टडी सोसाइटी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर लो चिंग-शेंग (Lo Ching-sheng) ने कहा कि पिछले दो-तीन वर्षों में अपने प्रयासों के बावजूद अमेरिका ताइवान के लोगों का विश्वास नहीं जीत पाया है. वॉशिंगटन को ताइवान के साथ अपने संबंधों को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी. यह पूछे जाने पर कि क्या जो बाइडेन का अनुभव अमेरिका को प्रमुख वैश्विक शक्ति बना सकता है? 60.9 फीसदी ने हां में जवाब दिया. केवल 17.8 लोगों ने कहा कि उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति के राजनीतिक अनुभव पर भरोसा नहीं है.

Donald Trump को लेकर दिया ये जवाब

सर्वे में लोगों से यह सवाल भी किया गया कि क्या डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से अमेरिका को अलग करने से यूएस कमजोर हुआ? 37.8% ने माना कि ट्रंप के फैसलों से अमेरिका कुछ हद तक कमजोर हुआ. जबकि 41.6 ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ा. जानकारों का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को ऐसे निर्णय लेने होंगे, जो यह दर्शाएं कि अमेरिका को वास्तव में ताइवान की चिंता है. अब तक अमेरिका ने जो कदम उठाए हैं, वह लोगों का विश्वास जीतने के लिए काफी नहीं हैं.

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