अब बलरामपुर के 25 किसान करेंगे ब्लैक राईस धान की खेती
बलरामपुर. चावल अब केवल पेट भरने का सामान नहीं , मानव शरीर में गंभीर बीमारि जैसे समस्या को दूर करने के लिए एंटीआक्सीडेन्ट कंपाउंड से लैस इसकी खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है । पिछले साल कुछ किसानो द्वारा की गयी खेती की सफलता को देखते हुए इस साल इसे करीब 25 एकड़ में किया जा रहा है । किसानो को इस खेती का फायदा मिले इसके लिए उन्हें यह बिज मुफ़्त दिया जा रहा है । जानकारी के मुताबिक वाड्रफनगर के वरिष्ठ विकास अधिकारी भूपेश गुप्ता के विशेष सहयोग से कृषि विभाग के सभी कृषि विस्तार अधिकारीयो द्वारा निर्णय लिए गया की ब्लैक राईस धान की खेती कृषको से कराने हेतु । ब्लैक राईस जिसका पैदावार बलरामपुर – रामानुजगंज जिले में की जा रही है । इसके लिए बलरामपुर- रामानुजगंज के नव पदस्थ कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चन्द्रावल के मार्गदर्शन में कृषि विभाग के उप संचालक अजय अनंत के निर्देशन में वाड्रफनगर के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी भूपेश गुप्ता के विशेष सहयोग से वाड्रफनगर कृषि विभाग की पूरी टीम जिसमे कृषि विस्तार अधिकारी – अंगद राम मरावी , प्रदीप शर्मा एवं कलेश्वरी बेक सहित विभाग के लोगो के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्र के किसान को ब्लैक राईस खेती का औषाधिय गुणकारी लाभ और किसानो के आर्थिक आय में बृद्धि के बारे में अवगत कराया गया । जिसके फलस्वरूप बलरामपुर वाड्रफनगर के किसान हुए लाभान्वित ।
वाड्रफनगर के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी ने बताया की इस ब्लैक राईस में पर्याप्त मात्रा में एंटीआक्सीडेंट कंपाउंड पाया जाता है । जिससे यह शुगर व् केंसर जैसे बीमारियो मात देने में सहायक होता है । कृषि विभाग ने इस खेती को लेकर बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर ब्लाक के ग्रामपंचायत राजखेता के 25 किसानो को चयन किया है जो ब्लैक राईस का खेती करेंगे । किसानो को यह बीज *एक्सटेन्सन रिफार्मस आत्मा योजना* अंतर्गत कृषि विभाग वाड्रफनगर के द्वारा मुफ़्त में दिया जा रहा है । विभाग द्वारा बताया गया की ब्लैक राईस धान का बीज कृषि विभाग के द्वारा बलरामपुर जिले के लिए लाया गया है । शुगर और केंसर से जूझ रहे लोग को चावल की यह किस्म फायदेमंद साबित होगी ।
एक एकड़ में 12 क्विंटल होगा उत्पादन
योजना की देखभाल कर रहे वाड्रफनगर कृषि विभाग के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी ने भुपेश गुप्ता ने बताया की यह फसल 140 – 145 दिन में ही पक कर तैयार हो जाती है । इसकी उत्पादकता 12 क्विंटल प्रति एकड़ होती है । इसकी पैदावार सिंचित भूमि में की जाएगी । यह ब्लैक राईस धान की खेती का फायदा हर किसानो को देने एक्सटेन्सन रिफार्मस आत्मा योजना द्वारा किसानो के माध्यम से खेती बलरामपुर जिले में की जा रही है ।
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में है उपयोगी
अन्य किस्म के चावल से यह ब्लैक राईस में पर्याप्त मात्रा में एंटीआक्सीडेंट कंपाउंड पाया जाता है जो शुगर एवं केंसर के पीड़ित लोगो के लिए लाभकारी होता है । ब्लैक राईस का औषधीय गुण सुगर ग्रस्त मरीजो का अमृत माना जाता है । गुप्ता ने बताया की ब्लैक राइस धान की खेती करने से किसानो के आय में बृद्धि होगी एवं आर्थिक स्थिति होगी मजबूत