भाजपा सरकार में जंगल कटाई और खनिज संसाधनों की लूट का खुला खेल- कांग्रेस
रायपुर। भाजपा की सरकार को पूंजीपतियों की गुलाम के तौर पर काम करने का आरोप लगाते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार बनते ही हसदेव के जंगलों में कटाई शुरू हो गई, रायगढ़ जिले के तमनार में जंगल काटे गए, वन अधिकार अधिनियम के तहत आबंटित पट्टे की भूमि पर खनन कार्य शुरू किया जा रहा है। जन विरोध के बावजूद मैनपाट में बॉक्साइट खदान के लिए पहाड़ खोदे जा रहे हैं। खैरागढ़ में भारी विरोध के बावजूद खेती की भूमि पर सीमेंट प्लांट और लाइमस्टोन खदान जबरिया खोला जा रहा है। बीजापुर जिले में खनन के लिए जंगलों की कटाई बिना पर्यावरण अनुमति के की जा रही है। इस सरकार की बुरी नज़र केवल छत्तीसगढ़ के संसाधनों पर है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि पिछली कांग्रेस सरकार में छत्तीसगढ़ विधानसभा में एक बड़ा फैसला हुआ था, हसदेव जंगल को बचाने के लिए 26 जुलाई 2022 को अशासकीय संकल्प विधानसभा में पारित किया गया है। अशासकीय संकल्प में केंद्र सरकार को हसदेव क्षेत्र के कोयला खदानों के आवंटन को रद्द करने की मांग की गई है। इस संकल्प के बाद अब हसदेव जंगल में कोयला खदान शुरू होने की कवायद पर ब्रेक लगने जैसी स्थिति हो गई थी, विधानसभा में हसदेव को बचाने के लिए अशासकीय संकल्प पारित किया गया था, छत्तीसगढ़ में 5700 मिलियन टन कोयला का भंडार है। इसमें से केवल 158 मिलियन टन का उत्पादन ही सालाना हो रहा है। इसे बढ़ाकर 500 मिलियन टन सालाना कर भी देंगे तो भी अगले 50 सालों तक केवल 25 हजार मिलियन टन कोयला ही खोद पाएंगे। इसमें से 13 हजार मिलियन टन कोयला का भंडार हसदेव और मांड नदी के कैचमेंट एरिया के आसपास है। यह अति महत्वपूर्ण जैव विविधता संपन्न क्षेत्र है, घने जंगलों और वन्य प्राणियों का प्राकृतिक रहवास है, यहां पर वनों की अंधाधुंध कटाई से पारिस्थितिक तंत्र अस्थिर होगा।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि खनन कार्य के लिए अनुमति की प्रक्रिया में स्थानीय रहवासियों के अभिमत को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है। तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जुलाई 2022 में अशासकीय संकल्प का समर्थन करते हुए कहा कि विधानसभा में एक शासकीय संकल्प पारित करके केंद्र सरकार से वनों से जुड़ी एक अधिसूचना को वापस लेने की अनुशंसा की गई है। केंद्र की इस अधिसूचना में वन क्षेत्रों में गैर वन गतिविधियों की अनुमति की प्रक्रिया में ग्राम सभा को दरकिनार कर दिया गया है। इससे वन क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी और अन्य लोग बुरी तरह प्रभावित होंगे।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि पांचवी अनुसूची के क्षेत्र बस्तर और सरगुजा में पेसा कानून का खुला उल्लंघन कॉर्पोरेट के मुनाफे के लिए किया जा रहा है। 2023 में चुनाव परिणाम आते ही नई सरकार के गठन से पहले ही हसदेव के जंगल कटने शुरू हो गए, नंदराज पर्वत इसी तरह की डबल इंजन सरकार में 2013-14 में ग्राम सभा की फर्जी एनओसी लगाकर अडानी को दिया गया, पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने जांच में ग्राम सभा की एनओसी को फर्जी पाया और निरस्त करने केंद्र सरकार को पत्र लिखा वह भी आज तक भाजपा की केंद्र सरकार में लंबित है। बैलाडीला में दो नई आयरन ओर खदान और कांकेर में हाहालादी खदान निजी क्षेत्र को लीज पर दे दिया गया, किसी भी मामले में ग्राम सभा की एनओसी नहीं है, पांचवी अनुसूची के क्षेत्र में पेसा कानून का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। भाजपा सरकार का पूरा फोकस चंद पूंजीपति मित्रों का मुनाफा है, छत्तीसगढ़ के संसाधनों पर इस सरकार की बुरी नजर है।


