राम और रामायण से है हमारी संस्कृति की पहचान : महापौर

बिलासपुर. भगवान श्री रामचंद्र जी की आदर्शाें को जन-जन तक पहुंचाने के उददेश्य से जिला स्तरीय रामायण मंडली प्रतियोगिता का आयोजन आज यहां लखीराम अग्रवाल ऑडिटोरियम में संपन्न हुआ। कार्यक्रम के शुभारंभ में महापौर रामशरण यादव ने कहा कि प्रभु श्री राम और रामायण ऐसे दो रत्न हैं जिनसे हमारी संस्कृति महान बनती है। रामायण का एक-एक प्रसंग समाज में सफल जीवन के लिए अनुकरणीय है। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में मस्तूरी विधायक कृष्णमूर्ति बांधी, जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण सिंह चौहान, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष प्रमोद नायक एवं जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी हरिस एस शामिल हुए।


मुख्य अतिथि की आसंदी से महापौर रामशरण यादव ने कहा कि छत्तीसगढ़ की अमूल्य धरोहर एवं संस्कृति को सहेजने के लिए शुरू की गयी यह प्रतियोगिता निश्चित रूप से अपने उदेदश्यों में कामयाब होगी। प्रभु श्री रामचंद्र जी का नैनिहाल छत्तीसगढ़ रहा है और उन्होंने अपना अधिकांश समय यहां व्यतीत किया है। वर्तमान एवं आने वाली पीढ़ी को इसकी जानकारी देने के लिए रामायण मंडली का कार्यक्रम उपयोगी साबित होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला पंचायत के अध्यक्ष अरूण सिंह चौहान ने अपने उदबोधन में कहा कि हमें जीवन को मूल्यवान बनाने के लिए रामजी के आर्दशों पर चलकर उन्हें आत्मसात करना होगा।

प्रतियोगिता में मस्तूरी विकासखण्ड के ग्राम सरसेती की मानस मंडली ने प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया। इस मंडली को 50 हजार रूपए की राशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की गई। दूसरे स्थान पर तखतपुर विकासखण्ड के ग्राम पांड की सबरंग छत्तीसगढ़िया मंडली रही। तखतपुर विकासखण्ड के ग्राम पंडरिया के तुलसी के संदेश मानस मंडली ने तीसरा स्थान हासिल किया। विजेता टीम शिवरीनारायण में आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में जिले का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस अवसर पर विजय पाण्डेय, विजय केशरवानी सहित मानस प्रेमी जनता ने बड़ी संख्या में मानस के विभिन्न प्रसंगों का आनंद उठाया। विदित हो प्रतियोगिता में ब्लाक स्तर से चयनित 12 टीमों ने  हिस्सा लिया। निर्णायक मंडल में भातखंडे संगीत महाविद्यालय बिलासपुर के प्राध्यापक सचिन सिंह बरगाह, लोक गायक रामनाथ मानिकपुरी, विनोद ठाकरे तथा विष्णु निर्णेजक शामिल है। गौरतलब है कि छ.ग. अंचल के रामायण मंडलियों के कलाकारों के संरक्षण, संवर्द्धन तथा कलादलों के विकास के लिए वर्ष 2021 में रामायण मंडली प्रोत्साहन योजना शुरू की गई है।

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