नवजात बच्चों को निमोनिया से सुरक्षा देने बिलासपुर में शुरू हुआ पीसीवी वैक्सीनेशन
बिलासपुर. नवजात बच्चों को निमोनिया जैसी घातक बीमारी से बचाने के लिए शुक्रवार से बिलासपुर जिले में पीसीवी टीकाकरण शुरू हो गया है। इस कार्यक्रम की शुरूआत गांधी चौक सिटी डिस्पेंसरी में सीएमएचओ डॉ. प्रमोद महाजन और जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. मनोज सैम्युअल की अगुआई में की गई। इस दौरान गांधी चौक सिटी डिस्पेंसरी के इंचार्ज डॉ. बल्लू दुबे और मेडिकल ऑफीसर डॉ. चिरंजीवी सहित अन्य स्टॉफ मौजूद रहा। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद ही जिले के सभी सीएचसी, पीएचसी स्थित टीकाकरण सेंटर में6 सप्ताह या डेढ़ माह के बच्चों को न्यूमोकोकल कान्जुगेट टीका (पीसीवी वैक्सीन) लगाया गया।
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. मनोज सैम्युअल ने बताया कि टीकाकरण कार्यक्रम में अब पीसीवी वैक्सीन भी शामिल हो गई है। इसके लगने से अब शिशु मृत्यु दर में भी कमी आएगी। अब उन बच्चों को भी यह वैक्सीन निःशुल्क लग पाएगी, जिनके माता पिता अधिक महंगा होने से इसे निजी चिकित्सालयों में जाकर नहीं लगवा पाते थे। अब वह भी न्यूमोकोकल कान्जुगेट टीकाकरण से नवजात बच्चे निमोनिया, मस्तिस्क ज्वर जैसी गंभीर बीमारी से बचापाएंगे। सरकार ने डायरिया से बच्चों को बचाने के लिए पहले ही रोटावायरस का टीका निशुल्क लगाना शुरू कर दिया था। अब पीसीवी वैक्सीन को भी टीकाकरण में शामिल करने से बच्चों को डायरिया और निमोनिया दोनों ही बीमारी से सुरक्षा मिल पाएगी। इसके बाद अब निश्चित तौर पर शिशु मृत्यु दर में भी कमी आएगी।
तीन डोज में पूरा होगा वैक्सीनेशन
न्यूमोकोकल कन्जुगेट टीका तीन डोज में पूरा होगा। यह टीका नवजात बच्चों को ही दिया जा सकेगा, क्योंकि इसकी पहली डोज 6 सप्ताह या डेढ़ माह के बच्चे को ही लगाई जानी है। इसके बाद दूसरी खुलाक 14 सप्ताह या 3.5 माह की उम्र में और बूस्टर डोज 9 माह की उम्र में लगाई जाएगी। इसलिए यह टीका उन्हीं बच्चों को लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिनकी उम्र 6 सप्ताह या उससे कम है।
पहले दिन कम लगे टीके
सीएमएचओ डॉ. प्रमोद महाजन ने बताया गांधीचौक सिटी डिस्पेंसरीसे पीसीवी टीकाकरण की शुरूआत कर दी गई है। पहले दिन कम बच्चे ही टीका के लिए पहुंचे। आगे इनकी संख्या बढ़ेगी। लोगों इसके बाद जागरूक भी किया जाएगा। उन्हें बताया जाएगा कि सरकार द्वारा इस टीके शामिल करने से बच्चों को किन-किन घातक बीमारियों से बचाया जा सकेगा। सभी टीकाकरण सेंटरों में डिमांड के मुताबिक वैक्सीन पहुंचा दी गई है, जिससे कोई भी बच्चा इस वैक्सीन से वंचित न रहे।