हवा के दबाव से 6000 फुट नीचे आया विमान, एक की मौत
बैंकॉक. लंदन से सिंगापुर के लिए उड़ान भरने वाले सिंगापुर एयरलाइंस के एक विमान को मंगलवार को वायुमंडलीय विक्षोभ (टर्बुलेंस) का सामना करना पड़ा और कुछ ही मिनटों के अंदर यह 6,000 फुट नीचे आ गया, जिसके चलते एक बुजुर्ग ब्रिटिश व्यक्ति की मौत हो गई और दो दर्जन से अधिक यात्रियों को चोटें आई हैं।
विमान के मार्ग में इसके बाद परिवर्तन किया गया और इसे खराब मौसम के बीच बैंकॉक में उतारा गया। अधिकारियों ने कहा कि ब्रिटिश व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ा होगा, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है। उसके नाम का अभी खुलासा नहीं किया गया है। एयरलाइन ने अपने फेसबुक पेज पर बताया कि हीथ्रो हवाई अड्डे से उड़ान भरने वाली सिंगापुर एयरलाइन्स की उड़ान संख्या एसक्यू321 को बैंकॉक की ओर भेजा गया और विमान स्थानीय समयानुसार अपराह्न 3.45 बजे सुवर्णभूमि हवाई अड्डे पर उतरा।
इसके बाद, आपात सहायता चिकित्सा दल यात्रियों की मदद के लिए पहुंचा। फेसबुक पर पोस्ट किये गए एक बयान में सिंगापुर एयरलाइन्स ने कहा कि आपात स्थिति में विमान को उतारे जाने के चार घंटे बाद भी 18 लोग अस्पताल में भर्ती हैं जबकि अन्य 12 का उपचार बाह्य रोगी के रूप में किया जा रहा। इसने कहा ‘शेष यात्री और चालक दल के सदस्यों की मेडिकल जांच की जा रही और जरूरत पड़ने पर उनका उपचार किया जा रहा।’ एयरपोर्ट्स ऑफ थाईलैंड समूह ने कहा कि मामूली रूप से घायल और घायल नहीं हुए यात्रियों को सुवर्णभूमि हवाई अड्डे पर टर्मिनल के अंदर एक निर्दिष्ट स्थान पर सहायता प्रदान की जा रही है।
थाईलैंड के परिवहन मंत्री सूर्या जुंगरुंगरूंगकिट ने एक बयान में कहा कि मामूली रूप से घायल और घायल नहीं हुए यात्रियों को शहर के चांगी हवाई अड्डे पर पहुंचाने के लिए सिंगापुर मंगलवार रात दूसरा विमान भेजेगा। सुवर्णभूमि हवाई अड्डे के महाप्रबंधक के. किट्टीकाचोर्न ने मंगलवार रात संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ब्रिटिश व्यक्ति 73 वर्ष का था और ऐसा प्रतीत होता है कि उसे दिल का दौरा पड़ा था।
फ्लाइटराडार24 के आंकड़ों के विश्लेषण से यह पता चलता है कि सिंगापुर एयरलाइन्स की उड़ान एसक्यू321 करीब 37,000 फुट की ऊंचाई पर थी। अचानक तीन मिनट की अवधि में यह गोता लगाते हुए 31,000 फुट पर आ गई। विमान को वायुमंडलीय विक्षोभ का उस वक्त सामना करना पड़ा, जब यह म्यांमार के पास अंडमान सागर के ऊपर था।
क्या होता है टर्बुलेंस असल में टर्बुलेंस एयर फ्लो और प्रेशर में अचानक से आया बदलाव होता है। इससे विमान को धक्का लगता है। इसके चलते विमान तेजी से ऊपर-नीचे होने लगता है। दूसरे शब्दों में टर्बुलेंस अनियमित हवा है जो विमान की गति पर असर डालता है।