PM मोदी ने स्वतंत्रता दिवस से पहले शुरू किया ये अभियान, जनता से मांगा सहयोग


नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narender modi) ने देशवासियों से स्वतंत्रता दिवस तक एक सप्ताह लंबा ‘गंदगी भारत छोड़ो’ अभियान चलाने का आह्वान किया है. पीएम ने कहा कि इस एक सप्ताह में सभी जिलों के अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में सामुदायिक शौचालय बनाने और उनकी मरम्मत का अभियान चलाएं. आम लोग अपने आसपास सफाई करें, प्लास्टिक को अपने जीवन से विदा करें.

पीएम मोदी शनिवार को राजघाट (Rajghat) के नजदीक बने ‘राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र’(आरएसके) का उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों की गुलामी से देश को आजाद कराने के लिए महात्मा गांधी ने ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ का नारा दिया था. अब हमें भी उसी तर्ज पर गंदगी से आजादी पाने के लिए ‘गंदगी भारत छोड़ो’ का आंदोलन चलाना होगा.

‘गंदगी भारत छोड़ो’
प्रधानमंत्री ने कहा कि गांधी जी की प्रेरणा से बीते वर्षों में देश के कोने-कोने में लाखों स्वच्छाग्रहियों ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ को अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया. यही कारण है कि 60 महीने में करीब 60 करोड़ भारतीय शौचालय की सुविधा से जुड़ गए. आत्मविश्वास से जुड़ गए. इसकी वजह से देश की बहनों को सम्मान, सुरक्षा और सुविधा मिली. इसकी वजह से देश की लाखों बेटियों को बिना रुके पढ़ाई का भरोसा मिला. इसकी वजह से लाखों गरीब बच्चों को बीमारियों से बचने का उपाय मिला. इसकी वजह से देश के करोड़ों दलितों, वंचितों, पीड़ितों, शोषितों और आदिवासियों को समानता का विश्वास मिला.

पीएम ने सवालिया लहजे में कहा कि अगर कोरोना वायरस जैसी महामारी 2014 से पहले आती तो क्या स्थिति होती. क्या हम शौचालय के अभाव में संक्रमण की गति को कम कर पाते. क्या तब लॉकडाउन जैसी व्यवस्थाएं संभव हो पातीं, जब भारत की 60 प्रतिशत आबादी खुले में शौच के लिए मजबूर थी. प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छाग्रह ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में हमें बहुत बड़ा सहारा दिया है.

पीएम ने कहा कि देश को ओडीएफ के बाद अब ओडीएफ प्लस बनाने के लक्ष्य पर काम चल रहा है. हमें शहर- गांव, सब जगह कचरे के प्रबंधन को बेहतर बनाना है. गंगा की तरह दूसरी नदियों को भी गंदगी से मुक्त करना है. यमुना को साफ करना है. इसके लिए यमुना के किनारे बसे शहरों और लोगों का सहयोग बहुत जरूरी है.

उन्होंने जनता से आग्रह किया कि इन अभियानों में शामिल होने के दौरान वे ‘दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी’ नियम को ना भूलें. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस हमारे मुंह और नाक के रास्ते ही फैलता भी है और फलता-फूलता भी है. ऐसे में मास्क, दूरी और सार्वजनिक स्थानों पर ना थूकने के नियम का सख्ती से पालन करना है. खुद को सुरक्षित रखते हुए इस अभियान को सफल बनाना है.

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