Rahul Gandhi ने Defence Budget पर उठाए थे सवाल, अब Global Times ने ‘मामूली बढ़ोत्तरी’ पर कसा तंज


बीजिंग. भारत (India) के रक्षा बजट (Defence Budget) पर चीन ने टिप्पणी की है और इस टिप्पणी की प्रेरणा उसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मिली है. राहुल गांधी ने रक्षा बजट में बढ़ोत्तरी को मामूली बताते हुए उस पर सवाल उठाए थे. अब चीन (China) ने भी इसी लाइन पर चलते हुए नई दिल्ली पर तंज कसा है. चीन की कम्युनिस्ट सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में कहा गया है कि इतने मामूली रक्षा बजट के साथ भारतीय सेना चीन से मुकाबला करने के बारे में सोचना छोड़ दे.

COVID के असर की कही बात
ग्लोबल टाइम्स (Global Times) की रिपोर्ट में चीनी सैन्य विशेषज्ञ सोंग झोंगपिंग (Song Zhongping) के हवाले से कहा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था में COVID-19 महामारी की वजह से बड़ी गिरावट आई है और ऐसी परिस्थितियों में सरकार सेना पर बहुत ज्यादा पैसा खर्च नहीं कर सकती है. अखबार ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि साल 1952 के बाद से भारत की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ी सालाना गिरावट दर्ज की गई है.

China का रक्षा बजट है ज्यादा
रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरे देशों से हथियार खरीदकर भारत को वो सैन्य बढ़त हासिल नहीं हो पाएगी, जो वह सीमा विवाद में चाहता है. चीनी मीडिया का यह भी कहना है कि मामूली बढ़ोत्तरी वाले इस रक्षा बजट के साथ किसी भी लंबे संघर्ष में भारत को बढ़त नहीं मिल पाएगी. ब्लूमबर्ग की मानें तो चीन का रक्षा बजट भारत के रक्षा बजट काफी ज्यादा है. मई 2020 में चीन ने अपना बजट पेश किया था, जिसमें रक्षा बजट के लिए सालाना 178 अरब डॉलर आवंटित किए गए थे.

‘सीमित इजाफा ही होगा’
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पिछले कुछ सालों से भारत के रक्षा बजट में ठीक-ठाक बढ़ोतरी हो रही थी, लेकिन इस साल वित्तीय संकट के चलते इसमें मामूली बढ़त ही हुई है. मौजूदा समय में यह मानना भ्रामक होगा कि भारत दूसरे देशों से हथियार खरीदकर अपनी सैन्य क्षमता में सुधार ला सकता है. ग्लोबल टाइम्स ने आगे लिखा है कि भारत ने अमेरिका, रूस, इजरायल और फ्रांस से हथियार खरीदे हैं, लेकिन इससे उसकी जंग लड़ने की क्षमता में सीमित इजाफा ही होगा.

क्या कहा था Rahul Gandhi ने?
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर रक्षा बजट (Defence Budget) में भारी बढ़ोतरी नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि हम चीन को क्या संदेश दे रहे हैं. गांधी ने कहा था कि चीन हिंदुस्तान के हजारों किलोमीटर अंदर आकर हमारी जमीन लेता है और आप बजट में चीन को क्या मैसेज दे रहे हैं कि हम अपना रक्षा खर्च नहीं बढ़ाएंगे. उन्होंने कहा था कि ये कौन सी देशभक्ति है और राष्ट्रवाद है कि सर्दी में हमारी सेना खड़ी है और उन्हें हम पैसे नहीं दे रहे हैं.

कितना किया है प्रावधान?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को संसद में पेश किए गए आम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 4.78 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें पेंशन के भुगतान का खर्च भी शामिल है. जबकि पिछले साल यह राशि 4.71 लाख करोड़ रुपये थी. इसी को आधार बनाकर कांग्रेस नेता ने सरकार पर सवाल उठाए थे और इन्हीं सवालों से चीन को भारत के रक्षा बजट पर टिप्पणी करने का मौका मिल गया.

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