3 साल पुराने मामले में बढ़ सकती है राहुल गांधी की मुश्किलें
उच्च न्यायालय ने निचली अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ दाखिल मानहानि के मुकदमे में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए इस संबंध में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष की याचिका खारिज कर दी. अब राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं और उन्हें इस मामले में अब रांची की निचली अदालत में पेश होना पड़ सकता है.
2019 के चुनाव का है मामला
न्यायमूर्ति एस के द्विवेदी की पीठ ने निचली अदालत में दाखिल मानहानि के वाद को खारिज करने की राहुल गांधी की याचिका को खारिज कर उन्हें वहां पेश होकर अपना पक्ष रखने के निर्देश दिये.
उच्च न्यायालय के इस आदेश से राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. उच्च न्यायालय ने राहुल गांधी और प्रतिवादी पक्ष के वकीलों की लंबी बहस के बाद अपना फैसला सुनाया. न्यायालय ने एक स्थानीय अदालत से जारी समन को चुनौती देने वाली गांधी की याचिका को खारिज कर दिया.
पीठ ने कहा कि प्रार्थी अपनी बात निचली अदालत में सुनवाई के दौरान रखें. राहुल गांधी ने निचली अदालत से जारी समन को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान मोरहाबादी मैदान में जनसभा में कहा था कि ‘सभी मोदी नाम वाले चोर होते हैं.’
उनके इस बयान के बाद अधिवक्ता प्रदीप मोदी ने उनके खिलाफ एक स्थानीय अदालत में एक शिकायतवाद दर्ज कराई.उसमें कहा गया कि राहुल गांधी ने मोदी नामधारियों के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया है जिससे मोदी समाज की भावना आहत हुई है.
याचिका में राहुल गांधी के खिलाफ अदालत से कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह किया गया था. इस शिकायत पर अदालत ने राहुल गांधी को 22 फरवरी 2019 को अदालत में हाजिर होकर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था. लेकिन निचली अदालत में पेश होने की बजाय इस समन के खिलाफ गांधी ने उच्च न्यायालय में रिट दाखिल कर पूरे मामले को ही खारिज करने की मांग की थी लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली.