April 27, 2024

 रेल मंडल बिलासपुर  कर रहा  शत-प्रतिशत विद्युतीकरण के साथ सालाना लाखों टन कार्बन फुटप्रिंट की बचत 

बिलासपुर. भारतीय रेलवे दुनिया में सबसे बड़ा हरित रेलवे बनने के लिए मिशन मोड में काम कर रहा है और वर्ष 2030 से पहले ” शून्य कार्बन उत्सर्जक” बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।नए भारत की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए भारतीय रेलवे को पर्यावरण के अनुकूल, कुशल, लागत प्रभावी, समयनिष्ठ और यात्रियों के आधुनिक वाहक के साथ-साथ माल ढुलाई के समग्र दृष्टिकोण अनुसार तैयार किया जा रहा है।भारतीय रेल ने अपने सम्पूार्ण ब्रॉडगेज नेटवर्क के विद्युतीकरण की महत्वााकांक्षी योजना प्रारम्भन की है। इस योजना से न केवल बेहतर ईंधन ऊर्जा का उपयोग होगा, जिससे उत्पाषदन बढ़ेगा, ईंधन खर्च में कमी आएगी, बल्कि मूल्य वान विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी।
इसी कड़ी में बिलासपुर रेल मंडल की रेल लाइनों का 100% विद्युतीकरण कार्य पूर्ण किया गया है । बिलासपुर रेल मंडल में विद्युतीकरण के सफर की शुरुआत 1969-70 में मुंबई-हावड़ा मेन लाइन पर झारसुगुड़ा-रायगढ़ रेल लाइन के विद्युतीकरण के साथ शुरू हुआ । 19 जनवरी, 1970 को झारसुगुड़ा-रायगढ़ रेलखंड, 24 जनवरी, 1970 को रायगढ़-बिलासपुर रेलखंड एवं 31जनवरी, 1970 को बिलासपुर यार्ड का विद्युतीकरण कार्य पूर्ण किया गया । बिलासपुर रेल मंडल कुल 819.457 रूट किलोमीटर एवं 2215.455 ट्रेक किलोमीटर रेल लाइनों के साथ शत-प्रतिशत विद्युतीकृत है ।
वर्तमान में बिलासपुर रेल मंडल से वंदे भारत जैसी देश की नामी ट्रेन, राजधानी, जनशताब्दी व अन्य एक्सप्रेस ट्रेनों सहित लगभग दो दर्जन मेमू ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है । इसके साथ ही  बिलासपुर रेल मंडल को सम्पूर्ण भारतीय रेलवे में सर्वाधिक माल लदान करने वाले रेल मंडल के रूप में गौरव प्राप्त है, जिसके फलस्वरूप यहाँ से मालगाड़ियों का परिचालन भी बहुतायत होता है । इस रेलवे में एलएचबी आधारित ट्रेनों में हेड ऑन जनरेशन (एचओजी) प्रणाली शुरू कर शांत एवं  सुविधाजनक रेल परिवहन के लिए भी एक सराहनीय पहल की शुरुआत की गई है । ‘हेड ऑन जेनरेशन‘ (एचओजी) प्रौद्योगिकी से  ट्रेनें महंगे डीजल ईंधन को जलाने की बजाय ओवर हेड उपकरण (ओएचई) के माध्यम से सीधे ग्रिड से बिजली ले रही है।बिलासपुर रेल मंडल के 100% विद्युतीकरण से राजस्व की बचत तथा लाखों टन कार्बन फुट प्रिंट में बचत के साथ पर्यावरण संरक्षण मंम भी हितैषी की भूमिका निभाएगी ।
भारतीय रेलवे में पर्यावरण के अनुकूल एवं प्रदूषण को कम करने वाली रेलवे विद्युतीकरण की गति 2014 के बाद से 9 गुना गति से बढ़ी है। रेलवे द्वारा ब्राडगेज लाइनों विद्युतीकरण की योजना से डीजल कर्षण को समाप्त करने की सुविधा मिलेगी जिसके परिणामस्वरूप कार्बन फुटप्रिंट में कमी के साथ पर्यावरण प्रदूषण में भी महत्वपूर्ण कमी आएगी।
 रेल लाइनों के विद्युतीकरण के लाभ
• पर्यावरण के अनुकूल परिवहन का साधन
• शत-प्रतिशत विद्युतीकरण के परिणामस्वरूप बाधारहित ट्रेन संचालन संभव हो सकेगा और ट्रैक्शन (कर्षण) में परिवर्तन यानी डीज़ल से इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रिक से डीज़ल ट्रेक्शन में परिवर्तन के कारण ट्रेन परिचालन में होने वाली विलंब समाप्त हो सकेगी।
• आयातित डीजल ईंधन पर निर्भरता कम होगी, जिससे कीमती विदेशी मुद्रा की बचत के साथ ही साथ हुई और कार्बन फुटप्रिंट्स में कमी आएगी ।
• कम परिचालन लागत क्योंकि डीज़ल ट्रैक्शन की तुलना में इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन बहुत सस्ता और कुशल है, क्योंकि इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर चलने वाली ट्रेनें डीज़ल की तुलना में 50 प्रतिशत तक सस्ती होती हैं।
• इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव की उच्च ढुलाई क्षमता वाली भारी मालगाड़ियों और लंबी यात्री ट्रेनों की परिवहन क्षमता में वृद्धि ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post हिन्दू नव वर्ष आयोजन समिति की आवश्यक बैठक 19 को
Next post बच्चों को कैंसर के लक्षण और उसके बचाव की दी गई जानकारी
error: Content is protected !!