लावारिस शवों का गौकाष्ठ से अंतिम संस्कार कर रही रंजीता

बिलासपुर. बिलासपुर की बेटी सौम्य रंजीता दास लगातार समाज सेवा कर रही हैं।बहुत लोग कहते है कि लड़कियां  कुछ नही कर सकती आज के टाइम में देखे तो लड़कियां हर वो काम कर सकती है । जो लड़के भी कर सकते है  इसी कड़ी में बिलासपुर की पहचान बन चुकी सौम्य रंजीता जी है । जिनकी अलग सोच इनको औरों से अलग करती है। कोरोना काल मे जब लोग घर से बाहर नही निकल रहे थे इस बीच रंजीता लगातार अपने निजी कार्य के आलवा सेवा कार्य ने जुटी हुई है। इनकी एक पहल जो बिलासपुर की एक अनोखी पहल बन गयी है। अब लोग इनसे सिख कर सेवा कार्य मे लग रहे है। जैसा कि आपको बता दे कि विश्वाधारंम सौम्य एक नई उड़ान की संस्था की संस्थापिका रंजीता दास द्वारा गौ काष्ठ से अंतिम संस्कार करने जिस मुहिम की शुरुवात की थी जिसकी पहल खुद सौम्य  ने की थी । आज इस मुहिम से लोग जुड़ते जा रहे है और मदद भी कर रहे  तोरवा मुक्तिधाम ,सरकण्डा मुक्तिधाम,सिरगिट्टी मुक्तिधाम में गौकाष्ठ ,इस महामारी में अपनों को खो रहे कई अत्यंत निर्धन परिवार एवं लावारिस शवों के अंतिम संस्कार इनके  द्वारा कराया जा चुका  हैं ।एव जिनकी मृत्यु कोरोना से हुई हैं उनके अंतिम संस्कार हेतु सौम्य एक नई उड़ान  के द्वारा गौकाष्ठ पहुंचा कर मदद किया जा रहा है। इस महामारी में रोज ही कई  लोगो की मौतें हो रही है, एक ओर जहां पेडों की अंधाधुंध कटाई हो रही है ,वही मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां धीरे धीरे करके कम होती जा रही हैं, ऐसे में गोबर से बना गौकाष्ठ बहोत अच्छा साधन है ।,अंतिम संस्कार के लिए ,इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नही होता है, और कम खर्च में ही उपलब्ध हो जाता है, आइए आप और हम मिलकर इस पर्यावरण की रक्षा के लिए पेड़ों की कटाई को बंद करने की प्रतिज्ञा लें इस पुनीत कार्य मे  चंद्रकांत साहू ,लता गुप्ता,चुन्नी मौर्य,जितेंद्र साहू ,रूपेश शुक्ला,रोशन साहू ,त्रिवेणी शंकर साहू ,रोशन ठाकुर और पप्पू मेहरा, का सहयोग रहा।

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