राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने की प्रस्तावना समीक्षा की मांग, कांग्रेस ने बताया संविधान विरोधी एजेंडा
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों की समीक्षा करने का आह्वान किया। उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि इन्हें आपातकाल के दौरान शामिल किया गया था और ये कभी भी बीआर आंबेडकर द्वारा तैयार संविधान का हिस्सा नहीं थे। वहीं, होसबाले के बयान के बाद कांग्रेस हमलावर हो गई है। कांग्रेस ने RSS और भाजपा पर ‘‘संविधान विरोधी” होने का आरोप लगाया।
होसबाले ने संविधान की प्रस्तावना में ‘‘समाजवादी” और ‘‘धर्मनिरपेक्ष” शब्दों की समीक्षा करने का आह्वान किया है। कांग्रेस ने कहा कि वह भाजपा-RSS की ‘साजिश’ को कभी सफल नहीं होने देगी और ऐसे किसी भी कदम का विरोध करेगी। कांग्रेस ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘RSS-भाजपा की सोच संविधान विरोधी है। अब RSS के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने संविधान की प्रस्तावना में बदलाव की मांग की है।”