चिटफंड घोटाले के दो मुख्य आरोपियों को रतनपुर पुलिस किया गिरफ्तार
बिलासपुर। रतनपुर पुलिस ने सात सालों से फरार चल रहे चिटफंड घोटाले के दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में गुरमित सिंह (60) और सुब्रतो भट्टाचार्य (64) शामिल हैं, जो PACL (पीयरलेस एग्रो कंपनी लिमिटेड) के डायरेक्टर्स हैं। इन दोनों ने पूरे देश में करीब 70,000 करोड़ रुपये का निवेश घोटाला किया है।
वर्ष 2018 में खैरखंडी निवासी अनिल मधुकर की शिकायत पर रतनपुर थाना में PACL कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। आरोप था कि PACL कंपनी ने 5 वर्षों में निवेशकों से पैसा दोगुना करने और उच्च ब्याज देने का लालच देकर करीब 1449 निवेशकों से 4.27 करोड़ रुपये जमा किए थे, लेकिन कंपनी ने वादे के अनुसार रकम वापस नहीं की, जिससे मामला धोखाधड़ी का साबित हुआ।
सभी आरोपियों ने निवेशकों को झूठे प्रलोभन दिए
PACL के डायरेक्टर्स ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बीमा और वित्तीय योजनाओं के तहत भारी रिटर्न्स का झूठा दावा किया था। हालांकि, जब कंपनी ने निवेशकों को promised रिटर्न्स नहीं दिए, तो कई जगहों पर शिकायतें दर्ज की गई, जिससे घोटाले का पर्दाफाश हुआ।
गिरफ्तार आरोपियों का विस्तृत विवरण
गिरफ्तार किए गए आरोपियों गुरमित सिंह और सुब्रतो भट्टाचार्य दिल्ली और पंजाब के निवासी हैं। गुरमित सिंह दिल्ली के मौर्या इन्क्लेव और सुब्रतो भट्टाचार्य गुरुग्राम, हरियाणा के निवासी हैं। इनके खिलाफ भारत के विभिन्न हिस्सों में धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं। पहले PACL के अन्य डायरेक्टर्स, जैसे निर्मल सिंह भंगू, त्रिलोचन सिंह, अनिल चौधरी, सिकंदर सिंह ढिल्लन, और जोगिंदर टाइगर को भी गिरफ्तार किया जा चुका है।
घोटाले के बारे में जांच का खुलासा
पुलिस जांच में सामने आया कि PACL कंपनी ने भारतभर में 70,000 करोड़ रुपये का घोटाला किया है, जिससे लाखों निवेशक प्रभावित हुए हैं। आरोपियों ने धोखाधड़ी के माध्यम से भारी धनराशि एकत्र की, जिसे कभी भी निवेशकों को वापस नहीं किया गया।
गिरफ्तारी और आगे की कार्रवाई
गिरफ्तार आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया। इस गिरफ्तारी में रतनपुर थाना प्रभारी नरेश कुमार चौहान और उनकी टीम के सदस्यों सउनि उदयभान सिंह, आरक्षक संजय यादव, और विजेंद्र रात्रे की महत्वपूर्ण भूमिका रही। आरोपियों से पूछताछ के बाद यह पता चला कि अन्य स्थानों पर भी इस तरह के धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं, और पुलिस अब शेष फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है।