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नेशनल लोक अदालत 11 फरवरी को : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से प्राप्त के निर्देश के परिपालन में समस्त जिले एवं तालुका न्यायालयों के साथ-साथ राजस्व न्यायालयों में 11 फरवरी 2023 को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इस नेशनल लोक अदालत में अपराधिक शमनीय मामले, सिविल मामले, चेक बाउन्स के मामले, बैंक वसूली के मामले, मोटर दुर्घटना दावा से संबंधित मामले, पारिवारिक मामले, श्रम विवाद के मामले, भू-राजस्व से संबंधित मामले तथा विवाद पूर्व प्रकरण (प्री-लिटिगेशन) के तहत सम्पति कर, जलकर, बिजली बिल, टेलीफोन बिल इत्यादि से संबंधित मामलों का निपटारा किया जाएगा। आगामी नेशनल लोक अदालत की तैयारियों के संबंध में जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जिले के समस्त न्यायिक अधिकारियों एवं समस्त बैंक, बीमा, फायनेंस, नगर निगम एवं विद्युत विभाग के अधिकारियों एवं उनके पैनल अधिवक्ताओं के साथ बैठक आयोजित कर अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण किये जाने की अपील की गई है। यह नेशनल लोक अदालत हाईब्रिड मोड पर आयोजित की जाएगी, जिसमें पक्षकारों द्वारा न्यायालय में उपस्थित होकर अथवा वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आपसी सहमति से प्रकरणों का निपटारा किया जा सकेगा। आगामी नेशनल लोक अदालत के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा वीडियो, आॅडियो क्लिप भी तैयार किया गया है, जिसे स्थानीय सिनेमाघरों, केबल नेटवर्क, सोशल मीडिया तथा जिले के नगरीय निकायों के सफाई वाहनों के माध्यम से आम-जन के मध्य प्रसारित किया जा रहा है।
माईक्रोवाटर शेड में सचिवों की पात्र सूची पर दावा आपत्ति 3 फरवरी तक : प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-जलग्रहण विकास घटक-2.0 अंतर्गत जिले में पीआईए स्तर पर 7 माईक्रोवाटर शेडवार (बिटकुली/रिगरिगा, डांड़बछाली/पहाड़बछाली, नगोई, नगपुरा, नवागांव(सोन), तुलूफ, कसईबहरा) में सचिवों की संविदा नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किये गये थे। प्राप्त आवेदनों की सूक्ष्म परीक्षण पश्चात् पात्र सूची जिले के वेबसाईट https://bilaspur.gov.in// पर अपलोड कर दी गई है। आवेदक अपना दावा-आपत्ति पुराना कम्पोजिट बिल्डिंग में स्थित कार्यालय उप संचालक कृषि सह परियोजना प्रबंधक में 3 फरवरी 2023 तक स्वयं उपस्थित होकर प्रस्तुत कर सकते है। निर्धारित तिथि के पश्चात् दावा-आपत्ति स्वीकार नहीं किया जाएगा।
पंचायतों को मिला अनुसूचित क्षेत्र की रेत खदानों के संचालन का अधिकार : छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 19 जनवरी को जारी अधिसूचना द्वारा अनुसूचित क्षेत्र अंतर्गत आने वाली रेत खदानों के संचालन का अधिकार पंचायतों को दिया गया है। इस हेतु संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा रेत खदान संचालन हेतु नक्शा, खसरा सहित आवेदन प्रारूप में एक हजार रू के आवेदन शुल्क (गैर वापसी योग्य), के साथ कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा), बिलासपुर में प्रस्तुत किया जाना होगा। अनुसूचित क्षेत्रों में साधारण रेत का क्षेत्र घोषित करने के लिए, ग्राम सभा का पूर्व अनुमोदन प्राप्त किया जाना अनिवार्य किया गया है। आवेदन प्राप्त होने पर जिला स्तरीय समिति की राय अनुसार रेत खनन क्षेत्र का चिन्हांकन कर समस्त निरीक्षण प्रतिवेदन लिये जाने के पश्चात कलेक्टर द्वारा घोषित किया जाएगा तथा उसे विशिष्ट नाम दिया जाएगा। खदान घोषित किये जाने के 15 दिवस के भीतर संबंधित पंचायतों को 25 हजार रू प्रति हेक्टेयर या उसके किसी भाग के लिए कार्यपालन प्रतिभूति राशि चालान के माध्यम से प्रस्तुत करना होगा तत्पश्चात् कलेक्टर द्वारा आशय पत्र जारी किया जाएगा। संबंधित पंचायत को 1 वर्ष के भीतर अनुमोदित उत्खन्न योजना एवं पर्यावरण स्वीकृति एवं अन्य आवश्यक सहमति एवं अनुमतियां प्राप्त करना अनिवार्य होगा। सभी अनिवार्य शर्ताें को पूरा करने के पश्चात् 5 वर्षाें के लिए रेत खदान हेतु पट्टा प्रदान किया जाएगा। पट्टा प्राप्त होने पर 90 दिवस के भीतर अनुबंध निष्पादन कराया जाएगा। रेत खदान संचालन करने के लिए पंचायतों को निर्धारित रेत रायल्टी, उच्चतम निर्धारित मूल्य प्रति घनमीटर की दर से सीधे पंचायत राज के शीर्ष में जमा कर तथा 10 प्रतिशत डीएमएफ की राशि, पर्यावरण एवं विकास उपकर तथा टीसीएस की राशि संबंधित खातों में जमा करने का चालान खनिज शाखा में प्रस्तुत करने के पश्चात् रेत परिवहन हेतु अभिवहन पास जारी किया जाएगा। यदि ग्राम पंचायतें रेत खदानों का संचालन करने में रूचि नहीं लेते हैं तो उसी पंचायत के यथा स्थान पंजीकृत स्व-सहायता समूह अथवा स्थानीय बेरोजगार की कोऑपरेटिव सोसायटी द्वारा रेत खदान संचालन हेतु आवेदन प्रस्तुत किया जा सकेगा। इसके लिए ग्राम सभा का अनुमोदन भी आवश्यक होगा। इस प्रकार आवेदन प्राप्त होने पर जिला कलेक्टर, जिला कार्यालय, जिला स्तरीय समिति के माध्यम से आवेदन पर विचार करने के पश्चात् उन्हें खदान संचालन हेतु अधिकृत कर सकेगा। बिना विधिमान्य प्राधिकार के रेत खदानों से या अन्य क्षेत्रों से अवैध उत्खनन, परिवहन, भण्डारण पर खान एवं खनिज अधिनियम के प्रावधानों के तहत की जाएगी।